क्रेशर प्लांट में उड़ रहे धूल के गुब्बारों से राहगीरों का सांस लेना हो रहा दूभर नियमों की धज्जियां उड़ाकर संचालित किया जा रहा प्लांट।

विनोद कुमार जैन

बक्सवाहा। ब्लॉक अंतर्गत देवपुर में बजरंग स्टोन क्रेशर संचालित किया जा रहा है। इस प्लांट में सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

क्रेशर संचालक की मनमानियां इस हद तक बड़ी हुई है कि प्लांट क्षेत्र को कवर ही नहीं किया गया है। वृक्षों के नाम पर एक पौधा भी नहीं लगाया गया। क्रेशर प्लांट संचालन के लिए सरकार के निर्धारित नियमों का पालन किए जाने की लिखित कार्यवाही की जाती है तब जाकर संबंधित विभागों से एनओसी प्राप्त होती है।

सड़क, प्रदूषण अन्य विभाग के नियमों को ताक पर रखकर प्लांट को लगातार चलाया जा रहा है। प्लांट में न तो बाउंड्री वॉल बनाई गई है और न ही पौधे लगाए गए है ! सरकार के नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है!

प्लांट से निकलने वाली धूल से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है ! क्रेशर पर डामर बनाने का प्लांट भी लगाया गया है जिससे निकली जहरीली गैस ग्रामीणों को गंभीर बीमारी को जन्म देने वाली है !

फसलों को खतरा और सड़क दुर्घटनाएं जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीण
देवपुर ग्राम के ग्राम वासियों में मुकेश लोधी ,देवेंद्र लोधी,बालचंद ने बताया कि क्रेशर से निकलने वाले प्रदूषण से ग्राम वासियों का जीना दुर्लभ हो गया है हमारी फैसले खराब हो रही हैं प्रदूषण से बीमारी फैलने का डर है सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है जब भी क्रशर संचालकों से हम यह बात कहते हैं तो उनके द्वारा हमें धमकी दी जाती हैं !

ग्रामीणों को स्लोकोसिस का खतरा-
बजरंग स्टोन क्रेशर प्लांट से लगभग 1 से भी कम किलोमीटर पर देवपुर गांव स्थित है ! जिससे आस-पास के आवासीय क्षेत्र सहित मुख्य मार्ग से निकलने वाले राहगीरों को भी स्लोकोसिस नामक बीमारी होने की संभावना सत्-प्रतिशत बनी रहती है तथा प्लांट में काम कर रहे मजदूरों को भी किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही है जो रात-दिन अपनी जान जोखिम में डालकर प्लांट पर काम करने में लग हुए है।

नियम अनुसार मशीनों को कवर्ड करने के साथ पानी का छिड़काव किया जाना होता है। लेकिन यहां तो एक बूंद भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जानकारों के अनुसार इस तरह के प्लांट में काम रहे मजदूर व कर्मचारियों के साथ आस-पास के निवासियों सहित राहगीरों को स्लोकोसिसि बीमारी की चपेट में आना का खतरा बना रहता है जो मनुष्य जीवन के लिए बेहद ही खतरनाक मानी जाती है। यह बीमारी टीवी के लक्षण जैसी है, टीबी का इलाज आज हो सकता है, परन्तु स्लोकोसिस बीमारी एक ऐसी बीमारी है जिसका आज तक कोई इलाज नहीं है।

लाखों रुपये राजस्व की चोरी का आरोप-
क्रेशर प्लांट से बिकने वाली गिट्टी को नियमानुसार पिटपास काटकर बेचा जाता है। पिटपास बुक खनिज विभाग के कार्यालय से शुल्क जमा कर जारी करवाई जाती है, लेकिन क्रेशर संचालक के द्वारा औपचारिकता पूरी करने के लिए कुछ लोगों को ही पक्की पिटपास काटकर दी जाती है, बाकि रोजाना दर्जनों ट्रेक्टरों को ऐसे ही बिना पिटपास के मटेरियल बेंच दिया जाता है। जिससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है।

असीमित खुदाई करके निकाला जा रहा पत्थर
क्रेशर संचालक खदान के लिए खनिज विभाग से नियम अनुसार क्षेत्रफल निर्धारित कर पत्थर खुदाई का कार्य करते हैं लेकिन यहां पोकलिंन मशीन से असीमित खुदाई करके पत्थर निकाला जा रहा है और असीमित क्षेत्रफल का उपयोग खदान संचालकों और क्रेशर संचालकों के द्वारा किया जा रहा है !

इस मामले मे तहसीलदार भरत पॉन्डे का कहना है की क्रेशर के दस्तावेज बुलावा कर जॉच की जायेगी गडबडी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई करेगे।