पहली बार, भारत निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों की जमीनी स्तर पर भागीदारी सुदृढ़ करने के लिए बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को प्रशिक्षण दे रहा है
10 मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों से संबद्ध बिहार के लगभग 280 बीएलए इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार राज्य में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए वहां के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) का प्रशिक्षण शुरू किया है। राज्य के 10 मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों से संबद्ध लगभग 280 बीएलए भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान, आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में आयोजित इस दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के साथ निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने, अपनी तरह के इस पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम में बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को संबोधित किया। इस प्रशिक्षण की परिकल्पना 4 मार्च, 2025 को आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की गई थी। माननीय आयोग ने चुनाव प्रक्रियाओं में बीएलए के महत्व की चर्चा की और जोर देकर कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 और समय-समय पर आयोग द्वारा जारी मैनुअलों, दिशा-निर्देशों और अनुदेशों में उल्लिखित अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में उनकी सहायता करेगा।
बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को कानूनी ढांचे के अनुसार उनकी नियुक्ति, भूमिका और जिम्मेदारियों का संक्षिप्त विवरण दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें निर्वाचक नामावलियों की तैयारी, अद्यतनीकरण (updation) तथा पुनरीक्षण और इनसे संबंधित फॉर्म और फॉर्मेट सहित चुनावी प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया गया। बीएलए मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अनुसार त्रुटि-मुक्त निर्वाचक नामावलियां सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीएलए को प्रकाशित अंतिम निर्वाचक नामावलियों से असंतुष्ट रहने की स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(क) और 24 (ख) के तहत प्रथम और द्वितीय अपील के प्रावधानों का उपयोग करने में भी प्रशिक्षित किया गया।