मेरा भारत महान कार्यक्रम में डायरेक्टर विपिन निसचल को सुरेंदर कमांडो , एसीपी दिल्ली पुलिस वीरेंदर पुंज , दिल्ली पुलिस रणवीर सिंह, राष्ट्रपति अवार्ड राजिंदर कपूर , के हाथो हुए सम्मानित**

*लविंग हैंड्स प्ले स्कूल को मिला बेस्ट प्ले स्कूल का अवार्ड**

मेरा भारत महान कार्यक्रम में डायरेक्टर विपिन निसचल को सुरेंदर कमांडो , एसीपी दिल्ली पुलिस वीरेंदर पुंज , दिल्ली पुलिस रणवीर सिंह, राष्ट्रपति अवार्ड राजिंदर कपूर , के हाथो हुए सम्मानित**

नई दिल्ली* – हनी महाजन

पहले का जमाना कुछ और था जब बड़े परिवारों में बच्चे जल्दी ही पूरी तरह समझदार हो जाते थे. तब बच्चे सीधे स्कूल में पढ़ने के लिए जाते थे लेकिन आजकल जैसे-जैसे बच्चे बड़े हो रहे हैं पेरेंट्स उन्हें प्ले स्कूल या प्री-स्कूल भेजने के बारे में सोचते है. वह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हर जरूरी निर्णय को लेकर काफी सजग रहते हैं ताकि उनके बच्चे का फ्यूचर अच्छा बन सकें और उन्हें स्कूल जाते वक्त कोई परेशानी न हो। इसी को देखते हुए उत्तम नगर में रहने वाले विपिन निसचल ने एक छोटी सी कोशिश क़ी जिससे मिडिल ओर लोवर क्लास के बच्चे अच्छी शिक्षा सके बहुत क़ी कम फीस मे। इसीलिए विपिन ने लविंग हैंड्स प्ले स्कूल के नाम से मटियाला बिंदा पुर रोड़ उत्तम नगर में प्ले स्कूल की शुरुवात की इनका कहना है इस स्कूल की शुरुवात करने का मतलब है बच्चों को अच्छी शिक्षा देना ओर दूसरे स्कूल जो 8000 से 20,000 एडमिशन फीस लेते चार्ज करते है उनको कहना है की मिडल ओर लोवर क्लास बच्चों को इतनी फीस देने में मुश्किल होती है। लविंग हैंड्स स्कूल इतनी कम फीस में अच्छी शिक्षा देने जा रहा है।उनका कहना है कि लविंग हैंड्स स्कूल में स्पेशल बच्चों कि पढ़ाई पर फोक्स किया जाता है हमारे पास मल्टीटैलेंटेड टीचर है निशा , दीपा जो कि बच्चों को शिक्षा के साथ साथ हर तरह कि एक्टिविटी सिखाती है। इसी काम को देखते हुए इस प्ले स्कूल को बेस्ट अवार्ड दिया गया जिसमे पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, 26/11 मुंबई ताज हमला हीरो सुरेंदर कमांडो , एसीपी दिल्ली पुलिस वीरेंदर पुंज , दिल्ली पुलिस रणवीर सिंह, राष्ट्रपति अवार्ड राजिंदर कपूर , के हाथो हुए सम्मानित किया गया। *आखिर क्या है लविंग हैंड्स प्ले स्कूल में पढ़ने के फायदे*लर्निंग स्किल डेवलपमेंट – बच्चे बेहद भोले और मासूम होते हैं एकदम कच्ची मिट्ठी की तरह उन्हें जैसे ढाला जायेगा वे वैसे ही बनेंगे. छोटे बच्चों में नई चीज सीखने और उसके बारे में जानने की जिज्ञासा बहुत होती है. प्ले स्कूल में उन्हें तरह-तरह के खेल और एक्टिविटी को करने और चीजों से खेलने का मौका मिलता है, इससे बच्चे की सीखने की क्षमता विकसित होती है.स्वतंत्र रहना सीखें – घर पर बच्चों को हम कई बार रोकते टोकते हैं किसी भी चीज को हाथ नहीं लगाने देते और समय की कमी के कारण उन्हें कई तरह की एक्टिविटीज करने से भी रोकते हैं लेकिन प्ले स्कूल में वह अपने पसंद का खेल खेलने के लिए स्वतंत्र रहते हैं. यहां पर बच्चे खुद से खाना, हाथ साफ करना, अपने सामान को जगह पर रखने की आदत सीखते हैं.भाषा और शब्दाबली में सुधार – कई बार बच्चे ज्यादा प्यार और दुलार के चक्कर में बिगड़ जाते हैं और वे गलत जवाब भी देने लगते हैं ऐसे में प्ले स्कूल जाने से बच्चों की भाषा और शब्दाबली में सुधार आता है. बच्चे घर पर जितना सीख पाते हैं, उससे कहीं अधिक प्ले स्कूल में बोलना और शब्दों को पहचानना सीखते हैं. इसके अलावा दूसरे बच्चों के साथ सामंजस्य और शेयरिंग की आदत को भी सीखते हैं. यहां बच्चे धीरे-धीरे खुद को एक्सप्रेस करना सीखते हैं.

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