बक्सवाहा में पीजी का सपना अब भी अधूरा।

विनोद कुमार जैन

छतरपुर। छतरपुुर जिले के बक्सवाहा अंचल क्षेत्र स्नातकोत्तर शिक्षण के क्षेत्र में शासकीय रूप से अब भी अछूता है। आलम यह है कि स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकांश छात्र-छात्राएं अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखने में असमर्थ रहते हैं।
क्योंकि बक्सवाहा क्षेत्र से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को या तो छतरपुर 100 किमी, सागर 70 किमी, दमोह 55 किमी का रुख करना पड़ता है. या फिर अपनी पढ़ाई से नाता खत्म करना पड़ता है। आंकड़ों के मुताबिक शासकीय नवीन कला एवं विज्ञान महाविद्यालय बक्सवाहा से प्रत्येक वर्ष 150-200 छात्र-छात्राएं अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करते हैं. जिनमें से औसतन 65 फीसदी छात्र-छात्राएं शिक्षा से दूर हो जाते हैं. तथा मात्र 35 फीसदी छात्र-छात्राएं ही अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए बड़े शहरों का रुख कर पाते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि बेहतर शिक्षा आदर्श जीवन की नींव होती है. परंतु जब शिक्षा के संपूर्ण साधन उपलब्ध ना हो तो आदर्श जीवन की बुनियाद बैसाखी के सहारे टिकी रहती है। परंतु स्वस्थ समाज के लिए बौद्धिक ज्ञान की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है और इस जरूरत को उच्च शिक्षा के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है, अतः इसलिए छात्रों को उच्च शिक्षा के समुचित अवसर प्रदान करना जरूरी है।

एक नजर आंकड़ों पर
बक्सवाहा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर शिवम शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि सत्र 2021-22 में बक्सवाहा महाविद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं ने ग्रेजुएशन पास किया है, वहीं सत्र 2022-23 में 189 छात्र-छात्राओं ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है।

ग्रेजुएशन पूर्ण करने वाले छात्रों का आंकड़ा साल दर साल निरंतर बढ़ रहा है जो छात्र अपनी समस्या बताते हैं कि उन्हें अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने का इधर कोई साधन नहीं है। हालांकि अभी चुनावी साल है नेताओं की आवक जावक बनी है प्रयास किया जाए तो बक्सवाहा कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट असंभव नहीं है।

इनका कहना है कि….
“समस्या गंभीर है. यह छात्रों के साथ न्याय नहीं है, इस संबंध में बक्सवाहा एनएसयूआई उच्च शिक्षा मंत्री एवं कुलाधिपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग करेगी और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन भी किया जायेगा।”
प्रतीक जैन, ब्लॉक अध्यक्ष एनएसयूआई बक्सवाहा

“मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है. इसके लिए मैं स्वयं ही उच्च शिक्षा मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद महोदय को पत्र लिखकर पीजी की मांग करता हूँ।”
करन सिंह लोधी, शिक्षा समिति सदस्य जिला पंचायत छतरपुर

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