किन्नर करें दादागीरी, बेतुकी मांग या अभद्र व्यवहार तो पुलिस में करें शिकायत

किन्नर करें दादागीरी, बेतुकी मांग या अभद्र व्यवहार तो पुलिस में करें शिकायत

नई दिल्ली – हनी महाजन

गुप्ता जी के यहाँ शादी हुई । जैसे ही अगले दिन बहु घर आयी कि किन्नर इनाम मांगने आ गए। उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक रुपये देने चाहे, लेकिन किन्नरों ने 51 हजार रुपये की मांग की। जब गुप्ता जी ने 51 हजार देने में असमर्थता जताई तो किन्नर बदतमीजी पर उतर आए और तमाम लोगों के बीच उनकी बेइज्जती कर गए। पिछले कुछ बरसों से किन्नरों की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि हर आदमी उनसे डरने लगा है। पैसे मांगते नहीं, वसूलते हैं, इंडिया गेट हो या सेंट्रल पार्क, बुद्धा जयंती पार्क हो या फिर कोई चौराहा,शादी हो या बच्चा किन्नर हर जगह पैसे मांगते नजर आ जाएंगे। अगर आपने पैसे देने में आनाकानी की तो वे आपका मूड खराब कर डालेंगे। शादी व बच्चे के जन्म पर घर में आने वाले किन्नरों की भी यही हालत है। आम आदमी के लिए उनकी बेतुकी मांगों को पूरा कर पाना संभव नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक यह भी सच है

  • दिल्ली में किन्नरों की बढ़ती कमाई को देखते हुए बाहर से भी किन्नर बुलाए जाते हैं। ये किन्नर यूपी, बिहार और राजस्थान से आते हैं। कमाई के हिसाब से चौराहों की भी ग्रेडिंग की हुई है।किन्नर अपनी कमाई का हिस्सा पुलिस व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों को भी देते हैं। बढ़ती कमाई के कारण कई बार जबर्दस्ती किन्नर बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आती हैं। बहुत से किन्नर गलत धंधों से भी पैसा कमा रहे हैं। सैकड़ों एनजीओ किन्नरों के कल्याण में लगे हैं, मगर इनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं है।

आखिर क्या कर रही है सरकार

सरकार ने किन्नरों को अलग से कोई पहचान नहीं दी है। यही वजह है कि आज भी समाज में उन्हें सही दर्जा नहीं मिल पाया है। अगर एक किन्नर पुश्तैनी काम के बदले कोई रोजगार शुरू करना चाहता है तो उसे वे सुविधाएं नहीं मिल पातीं, जो आम नागरिक को मिलती हैं। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री मंगतराम सिंघल के मुताबिक, चौराहों पर मांगने वाले किन्नरों को भिखारियों की कैटिगरी में रखा गया है। घरों में मांगने वाले किन्नर हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। अगर ऐसे किन्नर बेतुकी मांग या अभद्र व्यवहार करें तो इसे रोकना पुलिस का काम है। पुलिस को अधिकार है कि वह एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करे।

एक मिसाल है दिल्ली कि जहा घर में शादी या बच्चे का जन्म होने पर किन्नरों के ऑफिस जाकर अपनी हैसियत के अनुसार पैसे देकर स्लिप ले लेते थे। घर में किन्नरों के आने पर उन्हें स्लिप दिखाने पर किन्नर आशीर्वाद देकर चले जाते थे। मगर पैसे की अंधी दौड़ व सरकारी लापरवाही के चलते अब यहां भी स्थिति गड़बड़ाने लगी है। अगर एक शहर में किन्नरों के नियम बन सकते हैं तो देश की राजधानी दिल्ली में क्यों नहीं?

हेल्पलाइन

  • ट्रेन में किन्नरों का पैसे मांगना अवैध है। रेल यात्रा के दौरान किन्नरों के अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़े तो शिकायत इस पते पर करें : जनरल मैनेजर, नॉर्दर्न रेलवे हेडक्वार्टर, बड़ौदा हाउस, नई दिल्ली-110001, फोन 011-2338 7227, फैक्स : 011-2338 4548
  • सड़कों व घरों में किन्नरों द्वारा की जाने वाली बदतमीजी के लिए आप समाज कल्याण विभाग को सूचित कर सकते हैं। पता है : निदेशक, समाज कल्याण विभाग, जीएलएनएस कॉम्प्लेक्स, दिल्ली गेट, नई दिल्ली-110002, फोन : 011-2331 4810, फैक्स : 011- 2371 4826
  • समाज कल्याण मंत्री, दिल्ली सरकार को इस पते पर लिख सकते हैं : मंत्री, समाज कल्याण विभाग, सेवंथ फ्लोर, दिल्ली सचिवालय, आईपी एस्टेट, नई दिल्ली-110002।
  • किन्नरों की बदसलूकी से तुरंत निजात पाने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100 या फिर लोकल पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते हैं।

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