New Delhi
New Delhi : रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में एक परिवर्तनकारी पहल आई-डीईएक्स को नवाचार को बढ़ावा देने और एक त्वरित समय-सीमा में सशस्त्र बलों में अत्याधुनिक एवं डिसरप्टिव प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के उद्देश्य से 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। आई-डीईएक्स योजना ने 2018 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तेजी पकड़ी है, और यह उम्मीद है कि आई-डीईएक्स स्टार्टअप / एमएसएमई द्वारा सफल प्रोटोटाइप के बाद लगभग 25-40 आइटम इस वर्ष के अंत तक खरीद के लिए तैयार हो जाएंगे।
आई-डीईएक्स योजना आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की प्राप्ति के लिए रक्षा मंत्रालय के व्यापक मिशन के तहत निर्मित की गई है। आई-डीईएक्स हमारे स्टार्टअप पारितंत्र की जीवंत ऊर्जा का उत्प्रेरण कर रही है और आज ट्रांस-अनुशासनिक नवाचारों / परियोजनाओं का नेतृत्व कर रही है। सेना के अंगों, डीपीएसयू, उद्योग, शिक्षा, आई-डीईएक्स अधिकारियों तथा स्टार्टअप / एमएसएमई के विशेषज्ञों का एक उद्यमी नेटवर्क सह-निर्माण और सह नवाचार की प्रक्रिया में शामिल है। इसका उद्देश्य निकट भविष्य में सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योग के लिए 50 विश्व स्तरीय समाधान प्रदान करना है ।
डीआईएससी एवं विभिन्न खुली चुनौतियों के पांच संस्करणों को अपार सफलता मिली है तथा स्टार्टअप / एमएसएमई से काफी दिलचस्पी और भागीदारी देखी गई है। आई-डीईएक्स द्वारा अधिक से अधिक नवीन आविष्कारों और स्टार्टअप का साथ देने की प्रक्रिया ने अब तेज़ी पकड़ी है। आई-डीईएक्स स्टार्टअप / एमएसएमई अब अगले चरण जैसे उत्पादनकरण और व्यावसायीकरण में प्रवेश कर रहा है। इससे वास्तव में रक्षा औद्योगिक आधार और व्यापक होगा तथा उसको बढ़ावा मिलेगा।