गुरु शिष्य मिलन के साक्षी बने जैन धर्मालम्बी
पिच्छी से कोमल होता है संत का मन - राष्ट्रसंत विरागसागरजी महाराज
विनोद कुमार जैन
बक्सवाहा- बिगत चार माह से नगर में चल रहे चातुर्मास के पूरा होने पर जैन मुनि बिनिश्चल सागर और विनिशोध सागर का भव्य पिच्छिका परिवर्तन शनिवार बक्सवाहा में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया ! शनिवार की सुबह राष्ट्रसंत गढाचार्य १०८ विरागसागर महाराज की आगवानी नगर में हुई जहा गुरु शिष्य मिलन की भव्य आगवानी का दृश्य समूचे नगर के लोगों ने देखा !

भव्य आगवानी और पिच्छिका परिवर्तन की तैयारियां पिचलें दो दिनों से जैन समाज के लोगों के द्वारा बड़ा बाजार में की जा रही थी यहाँ स्मरण रहे कि राष्ट्रसंत गढाचार्य १०८ विरागसागर महाराज का श्रेयांश गिरी से बिहार नैनागिर की ओर चल रहा है और पंचकल्याणक नैनागिर में 4 दिसंबर से प्रस्तावित है !

पिच्छिका परिवर्तन का कार्यक्रम बड़ा बाजार प्रांगढ में 2 बजे से प्रारंभ हुआ जिसमें मंगलाचरण उपरान्त पिच्छी परिवर्तन का कार्यक्रम संपन्न हुआ ! पिच्छी से भी यदि कुछ कोमल होता है तो वह संत का मन होता है इसलिए आप सभी लोग अपने मन को कोमल बनाइये !

जीवन में शांति को पाने का सिर्फ एक मंत्र है और वह है " धर्म " राष्ट्रसंत गढाचार्य १०८ विरागसागर महाराज ने कहा कि जीवन में अगर शांति पाना है तो धर्म करिये ! पैसा शक्ति ये सब नियत समय तक आपके पास रहेंगे लेकिन धर्म हमेशा आपके पास रहेगा और धर्म के रस्ते पर चलकर है आप शांति महसूस कर पायगे !

पिच्छी परिवर्तन और मंगल कलश पाने का सौभाग्य :-
पिच्छी परिवर्तन में मुनि श्रीं उपाध्याय १०८ बिनिश्चल सागर जी महाराज की पिच्छी पाने का सौभाग्य श्रीमती साधना फट्टा पति धर्म चंद्र जैन फट्टा बक्सवाहा और मुनि श्रीं १०८ विनिशोध सागर जी महाराज की पिच्छी पाने का सौभाग्य श्रीमती शोभा पति राजकुमार जैन बक्सवाहा को प्राप्त हुआ।
क्षेत्रीय जैन समाज के प्रतिनिधियों का स्वागत वंदन बकस्वाहा जैन समाज द्वारा किया गया
जैन समाज कमेटी बक्सवाहा ,क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों से सहभागी बने जैन समाज प्रतिनिधियों का अभिनन्दन बंदन स्वागत करती है पिच्छी परिवर्तन का यह कार्यक्रम आप सब के सहयोग से सानंद संपन्न हुआ इसके लिए विशेष धन्यवाद !