कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की पीएम व सीएम पर की टिप्पणी अशोभनीय : रमन मलिक
गुरुग्राम। देश के राजनीतिक वक्तव्य के इतिहास में आज एक शर्मनाक दिन है। एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष द्वारा देश के संवैधानिक पद पर बैठे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर जिस प्रकार की टिप्पणी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान द्वारा की गई है, वह अमर्यादित, अशोभनीय और अभद्र है। सभ्य समाज से आने वाला कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की टिप्पणी का समर्थन नहीं कर सकता। देश में अनेकों बारी विपक्ष ने अपने वक्तव्यों को रखने के लिए उग्र रूप धारण किए, लेकिन कभी भी इस प्रकार का ओछापन नहीं सामने आया। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन मलिक ने कही। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान द्वारा की गई टिप्पणी की भर्तसना की। मलिक ने कहा कि गत गुरुवार को संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद द्वारा दूसरे सांसद पर की गई टिप्पणी को भी गलत ठहराया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस तरह के किसी भी एप्स शब्दों का प्रयोग करने वाले किसी भी सदस्य का साथ नहीं देती। भारतीय जनता पार्टी इस तरीके का कोई भी कृत्य का समर्थन नहीं करती। हमने उसे प्रकरण पर तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बार-बार अनेकों प्रकार के व्यक्तिगत हमले कर गए हैं। कुछ समय पहले यह एक सामान्य प्रक्रिया बन गई थी कि कुछ लोग मोदी तेरी कब्र खुदेगी के नारे और मोदी मर जा तूज् जैसे अप–शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। इन सभी लोगों को विपक्ष के इस घमंडियां गठबंधन ने सर पर बिठाया और उनका सत्कार कर, क्या आज तक उन लोगों पर या इस बंधन के घटक दलों ने अपने ऊपर कुछ नियंत्रित करने की सोची? मलिक ने कहा कि आपको याद होगा कि एक बड़ी मीडिया ने गिन –गिन के बताया था कि इस देश के अनेकों विपक्षी नेताओं ने इस देश के प्रधानमंत्री के ऊपर 98 बड़ी अलग-अलग गलियों का प्रयोग करते हुए उन पर हमला कर, क्या किसी एक पर भी कोई कार्रवाई हुई? कुछ लोग कहते हैं कि देश के अंदर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है! मैं पूछना चाहता हूं कि जब आप देश में रहते हुए देश के प्रधानमंत्री को राक्षस, रावण, आतंकी, गधा, पागल, नालायक, सांप, चूहा, बिच्छू, भस्मासुर, कुत्ता, क्रूर, बंदर, रंगा बिल्ला, कातिल, जल्लाद, जेब कतरा, गंदी नाली, नीच, कायर, दुर्योधन, नामर्द, तुगलक, साला, नमक हराम, गवार, दलाल, रब्बीस से पीडि़त, वायरस और न जाने क्या-क्या संज्ञाओं से संबोधन करते हैं और उसके उपरांत भी आप अपनी हर गतिविधि बिना रोक-टोक के कर रहे हो तो इससे ज्यादा लोकतंत्र क्या आपको चाहिए? हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत के गृहमंत्री वह अनेकों लोग जो संवैधानिक पदों पर बैठे हैं उन्हें ना ना प्रकार के संबोधन करते रहें हैं। मेरा आज सवाल उदय भान, से और उनका समर्थन दे रहे हर कांग्रेसी, वह घमंडियां गठबंधन के नेता से यही है। अगर देश के प्रधानमंत्री की पत्नी उनके साथ नहीं है तो एंटोनियो माइनो अर्थात सोनिया गांधी के पति भी उनके साथ नहीं है। क्या उदय भान के अंदर इतनी हिम्मत है कि वह इसी प्रकार के किसी अल्फाज से उनको संबोधित करें? दूसरा सवाल उदय भान, से यह है कि अगर माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी का विवाह नहीं हुआ, तो सार्वजनिक जानकारी यही है कि राहुल गांधी जी का भी विवाह नहीं हुआ है। तो फिर क्या जो संबोधन मनोहर लाल जी को करा, उसी प्रकार के संबोधन से राहुल गांधी को भी संबोधित करेंगे? कांग्रेस बड़ी जोर शोर से बोलता है कि हमने मोहब्बत की दुकान खोली है! मोहब्बत की दुकान तो गंगूबाई काठियावाड़ी भी चलती थी।
