एनएचआरसीसीबी की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश ने लिया संज्ञान

एनएचआरसीसीबी की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश ने लिया संज्ञान

प्रयागराज विद्युत विभाग ने अधिशासी अभियंता, एसडीओ और जूनियर इंजीनियर को किया निलंबित पुलिस विभाग के कई आला अधिकारीयों पर चल रही है जाँच हो सकता है निलंबन!

दिनांक 03/08/2022 को दर्ज की गई थी शिकायत
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो सदस्य श्री संदीप कुमार द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत सरकार के पोर्टल https://hrcnet.nic.in/ पर दिनांक 03/08/2022 को एक लिखित शिकायत दर्ज की गई थी जिसका केस / फाइल नंबर 2559/24/4/2022 है जिसमे बताया गया था की करंट लगने पश्चात् बालक शिवम् निवासी – रामपुर उपहार, करछाना जिला प्रयागराज को एस आर एन हॉस्पिटल प्रयागराज में भर्ती किया गया था जंहा उसे मृत घोषित कर पीएम कर लाश परिवार को सुपुर्द कर दी जाती है तत्पश्चात अस्पताल प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस सेवा प्रदान नहीं करने पर मृतक शिवम् के पिता बजरंगी यादव को शिवम् की लाश कंधे पर उठाकर गिरते हुए पानी में पैदल ही घर जाना पड़ा जो की मानवाधिकार हनन का का गंभीर प्रकरण बनता है उक्त प्रकरण में शिकायतकर्ता श्री संदीप कुमार द्वारा अस्पताल प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारीयों के विरुद्ध निलंबन और एफ आई आर दर्ज करने सम्बंधित मांग की गई थी

“साथ ही उक्त मामले की सत्यता की जाँच हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो प्रयागराज जिला टीम के सदस्य – श्री खालिद समदानी, साहिबा खान, अभिषेक गुप्ता, डॉ शमशाद, यश गुप्ता भी पहुंचे थे मृतक के घर”

दिनांक 04/08/2022 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश को ट्रान्सफर की गई
“तत्पश्चात उक्त मामले की जाँच हेतु राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश की टीम भी पहुंची थी मृतक के घर”

दिनांक 08/08/2022 को राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा मामले को संज्ञान में लिया गया –

राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा कार्यवाही हेतु जारी आदेश का सारांश –
उपर्युक्त प्रकरण प्रथम दृष्टया मानवाधिकार के हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होता है। प्रकरण अति आवश्यक एवं अत्यंत गंभीर है। मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 एवं अधिनियम के अन्य सुसगत उपबन्धों में अन्तर्विष्ट विधि में प्रदत्त शक्तियों एवं उद्देश्यों के प्रयोग में आयोग द्वारा इस प्रकरण को स्वप्रेरणा से संज्ञान में लेना लेना उचित, युक्तियुक्त, प्रासंगिक, समीचीन, विधि सम्मत एवं न्यायहित में इष्टकर होगा। तदनुसार प्रकरण की तात्कालिकता (नाहमदबल) एवं गंभीरता के दृष्टिगत आयोग द्वारा इसका संज्ञान लिया जाता है।

तत्पश्चात दिनांक 08/08/2022 को राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा उपर्युक्त प्रकरण के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक जिला प्रयागराज को अधिकृत करते हुए प्रधानाचार्य एसआरएन मेडीकल प्रयागराज एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज को निर्देश दिये जाते हैं कि वह इसकी विस्तृत जांच कराकर, स्थिति स्पष्ट करने के लिए साक्ष्य के साथ दिनांक 08/08/2022 को आयोग के कैम्प कार्यालय-सर्किट हाउस, प्रयागराज में समय 12:30 पी.एम पर व्यक्तिगत रुप से उपस्थित हो।

आयोग द्वारा की गई कार्यवाही के में कथन और टिप्पणिया –
उक्त आदेश के अनुसरण में श्री एस.पी.सिंह, प्राचार्य, एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज और श्री रत्नेश कुमार पांडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज के वरिष्ठ सहायक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधित्व करते हुए, प्रयागराज में आयोग के शिविर कार्यालय में मेरे सामने उपस्थित हुए श्री एस.पी. सिंह और श्री रत्नेश कुमार पाण्डेय ने आज अपनी-अपनी रिपोर्ट दाखिल की है, जिसे रिकार्ड में लिया गया है।डॉ एसपी सिंह, प्राचार्य, एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज मैंने पाया कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरने वाले मरीज के रिश्तेदारों को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा प्रदान करना अस्पताल प्रबंधन का कर्तव्य है। वर्तमान मामले में यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पीड़ित शिवम, जिसकी करछना में बिजली का करंट लगने से मृत्यु हो गई थी, को उसके रिश्तेदारों द्वारा मृत लाया गया था और एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराने और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को उसके गांव करछना ले जाने के लिए उसके परिजनों को लौटा दिया गया। रिपोर्ट में आगे संकेत दिया गया है कि एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज के नियंत्रण और पर्यवेक्षण में है और उससे संबंधित सभी कार्यों की देखरेख उनके द्वारा की जाती है। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि प्राचार्य एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज की ओर से मृतक शिवम के शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद उसके परिवार को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने में चूक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। अब मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज की रिपोर्ट की जांच करने के लिए आगे बढ़ता हूं, जिसे श्री रत्नेश कुमार पांडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज के वरिष्ठ सहायक द्वारा दायर किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की रिपोर्ट इंगित करती है कि आयोग का आदेश प्राप्त होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वयं की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और श्रीमती रेणु सिंह एस.डी.एम., करचना प्रयागराज और डॉ. एस.पी. सिंह, प्राचार्य, एस.आर.एन. अन्य दो सदस्यों के रूप में मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज। समिति की रिपोर्ट इंगित करती है कि समिति मृतक के माता-पिता और उसके अन्य रिश्तेदारों के बयान दर्ज करने और रिकॉर्ड में उपलब्ध सामग्री को देखने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि यह करछना पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी और कांस्टेबल विकास का कर्तव्य था। उसी थाने के भारद्वाज को मृतक शिवम के शव को करछना से एस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज और इसलिए उक्त दो पुलिस कर्मी मृतक के माता-पिता को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा प्रदान नहीं करने के लिए जिम्मेदार थे। रिपोर्ट, हालांकि, भौतिक मुद्दे पर चुप है यानी कि क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज मृतक के माता-पिता को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने के लिए बाध्य था, जब डॉक्टर ने शव को पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर द्वारा उन्हें वापस कर दिया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगती है। मृतक शिवम के माता-पिता को नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं कराने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज को निर्देश देना उचित समझता हूं। करछना, प्रयागराज के थाना प्रभारी एवं पुलिस थाना करछना, प्रयागराज के सिपाही विकास भारद्वाज को दिनांक 24/08/2022 को प्रयागराज स्थित आयोग के शिविर कार्यालय में संबंधित सामग्री के साथ मेरे समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा। मृतक के पिता भी नियत तिथि पर आयोग के कैम्प कार्यालय प्रयागराज में उपस्थित रह सकते हैं। प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक करछना, प्रयागराज के थाना प्रभारी एवं थाना करछना, प्रयागराज के सिपाही विकास भारद्वाज और मृतक के पिता श्री बजरंगी यादव निवासी ग्राम रामपुर थाना करछना, प्रयागराज की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। आयोग के कैंप कार्यालय में निर्धारित तिथि।

इस फाइल को दिनांक 24/08/2022 को प्रयागराज स्थित आयोग के शिविर कार्यालय में सूचीबद्ध/प्रस्तुत करें।
कार्यवाही जारी है …

“राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो (रजि.) मानवाधिकार के क्षेत्र में कार्य करने वाली एक प्रसिद्ध संस्था है जो मानवाधिकार के प्रचार – प्रसार और संरक्षण के लिए कार्य करती है संस्था लगभग 20 से अधिक राज्यों में बेहतर प्रशिक्षित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ कार्य कर रही है और अब तक हजारों पीड़ितों को न्याय दिलवा चुकी है । बजरंगी यादव को शासन के नियमानुसार मुआवजा मिले, उनके बच्चों की बेहतर शिक्षा हो सके, उन्हें सभी शासकीय योजनाओं का लाभ मिले और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति न हो इसके लिए हमारी प्रयागराज टीम प्रयागराज प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करेगी। वेबसाइट https://hrcnet.nic.in/HRCNet/public/CaseStatus.aspx पर फाइल नंबर 2559/24/4/2022 अंकित कर केस में मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा जी जा रही कार्यवाही को देख जा सकता है।”श्री संदीप कुमार – सदस्य एनएचआरसीसीबी

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