राजिस्थान उदयपुर में डॉ आशीष कुमार जैन, बम्हौरी हुए पुरस्कृत
बक्सवाहा से सौरभ जैन की रिपोर्ट
बक्स्वाहा – बम्हौरी महावीर जयंती के अवसर पर श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 4 में जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा संयोजित। राष्ट्रीय प्राकृत संगोष्ठी में आचार्य आदिसागर अंतरराष्ट्रीय जागृति मंच मुम्बई द्वारा कार्यक्रम में आचार्य आदिसागर अकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनील सागर जी महाराज के सान्निध्य में प्राकृत भाषा में सर्वश्रेष्ठ कार्य हेतु पुरस्कृत किया गया ।

तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर पुरस्कार से डॉ . आशीष कुमार जैन, (बम्होरी) असिस्टेंट प्रोफेसर, जैन एवं प्राकृत अध्ययन विभाग, एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह को प्राकृत साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रदान किया गया । पुरस्कार में श्रीफल, मेमोंटो सहित 51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई, इस अवसर पर प्रो . उदयचन्द्र जी द्वारा लिखित एवं डा . आशीष कुमार जैन बम्हौरी द्वारा सम्पादित प्राकृत भाषा में लिखित आचार्य सुनीलसगार पूजा का विमोचन भी किया गया ।

पुरस्कार समारोह में श्री पारस जी सिंघवी मेयर, रघुवीर जी मीणा पूर्व विधयाक, अध्यक्ष अजित कासलीवाल , कमल जी कासलीवाल जिनन्द्र भाई शाह, अमृत डोटिया , मयंक जी, भगवती रजावत , शांतिलाल जी वेलावत, कमल जी जैन , राजेश जी जैन, महावीर भगत, प्रो प्रेमसुमन जैन , प्रो . जयकुमार जैन प्रो दीनानाथ जी . प्रो. पारसमल अग्रवाल , प्रो उदयचंद जैन उदयपुर, प्रो जिनेन्द्र जैन, प्रो ऋषभचन्द्र जैन फौजदार, डॉ . आशीष कुमार जैन एवं सकल दिगम्बर जैन समाज उदयपुर के समाज जन उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन पुरस्कार संयोजक डॉ महेंद्र जैन मनुज इन्दौर एवं मंच के महामंत्री श्री कमल जी कासलीवाल ने किया । कार्यक्रम संयोजक राजेश जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया । आचार्य श्री ने प्रवचन में कहा कि विद्वानों को साहित्य के क्षेत्र में आगे आ कर कार्य करना चाहिए , जिससे धर्म की प्रभावना हो सके पूज्य श्री ने प्राकृत भाषा एवं साहित्य के विकास हेतु विद्वानों को दिशा निर्देश प्रदान किये । आचार्य श्री की संघस्थ आर्यिका आराध्यमाती माता जी द्वारा विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्व प्रथम ब्राह्मी लिपि में लिखित सुनील प्राकृत समग्र पुस्तक का विमोचन विद्वानों द्वारा किया गया ।