औषधि निरीक्षक के लिए गले की फांस बना सैम्पल का जखीरा, नमन मेडिकल की दवाओं की गणना में कम निकली दवाएं

ब्यूरो रिपोर्ट चित्रकूट।

चित्रकूट। गुज़रे साल हुई नमन मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी के दौरान औषधि निरीक्षक मनोज सिंह द्वारा सैम्पल के नाम पर भारी मात्रा में ली गई कुन्तलों दवाइयों को मा० उच्च न्यायालय प्रयागराज के आदेशों के बाद आज मालखाने में सील दवाइयों की गणना विभागीय उच्चाधिकारियों के बीच हुई। जिसमें मेडिकल एजेंसी की प्रोपराइटर दीपिका गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि 27 जनवरी 2021 को जांचोपरांत औषधि निरीक्षक मनोज सिंह द्वारा 1 लाख 75 हज़ार की दवाओं को सील कर साथ ले जाया गया था। जिसमें उनकी लगभग 33 हज़ार रकम की दवाएं बैच नम्बर सहित गणना के दौरान गायब मिली हैं। उनका आरोप है कि छापेमारी के दौरान औषधि निरीक्षक चित्रकूट मनोज कुमार सिंह व उनके साथ आये प्राइवेट सहयोगियों ने उनकी कीमती दवाओं को बाज़ार में कहीं बेच दिया है जिसके चलते गणना के दौरान दस्तावेज़ों में दर्ज बैच की लगभग 33 हज़ार की दवाएं गायब मिली हैं।
आपको बता दें कि बीती 27 जनवरी 2021 को एसडीएम कॉलोनी स्थित नमन मेडिकल एजेंसी पर औषधि निरीक्षक ने छापेमारी करते हुए एजेंसी से लाखों की दवाओं का सैम्पल भरकर ले गए थे जिसके लगभग एक सप्ताह बाद सैम्पल की दवाओं को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। मेडिकल एजेंसी की प्रोपराइटर दीपिका गुप्ता ने औषधि निरीक्षक पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार भी लगाई थी जिसके बाद आज उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गणना की कार्यवाही विभागीय उच्चाधिकारियो के समक्ष पूर्ण हुई जिसमें दस्तावेजो में दर्ज दवाओं के मिलान में काफी मात्रा में औषधियों की हेराफेरी सत्य साबित हुई है। नवनिर्वाचित चित्रकूट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन चित्रकूट की महासचिव व नमन मेडिकल एजेंसी की प्रोपराइटर दीपिका गुप्ता ने कहा कि अब औषधि निरीक्षक की अवैध वसूली और दवा विक्रेताओं के शोषण के खिलाफ शांत नहीं बैठूँगी।

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