एक जुलाई से लागू नए आपराधिक कानूनों पर विस्तृत चर्चा
चर्चा में नगर सहित ग्रामीण जन उपस्थित।
||विनोद कुमार जैन||
वकस्वाहा – वकस्वाहा पुलिस थाना परिसर में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नगर के गणमान्य नागरिकों, एडवोकेट और पत्रकार एवं जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में नगर निरीक्षक कृपाल सिंह मार्को व तहसीलदार भरत पांडे ने तीन नए कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। ये कानून 1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू हो गए हैं और ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों को प्रतिस्थापित करेंगे।

थाना परिसर मे बैठक लगभग दो बजे प्रारंभ हुई जिसमे नगर के लोगो को नये कानून की जानकारी दी गयी तदुपरांत नगर के गंभीर मुद्दो पर जैसे ही चर्चा प्रांरभ हुई बैसे ही पिछली बैठकों मे उठे मुद्दे फिर गरमाने लगे।
सबसे पहले अन्य शासकीय विभागों से न आने बाले अधिकारियों को फोन लगा कर बुलाया गया इसके बाद उनके विभागों की समस्याओं से अवगत कराया गया।
तहसीलदार भरत पांडे ने नये कानून के बारे मे समझाते हुये बताया की
भारतीय न्याय संहिता (BNS)
भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लेगी। इसमें कुल 357 धाराएं होंगी, जो आपराधिक मामलों को नए सिरे से परिभाषित करेंगी। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) को प्रतिस्थापित करेगी। इसमें कुल 531 धाराएं होंगी, जिनमें से 177 प्रावधानों में संशोधन किया गया है और 14 धाराओं को हटाया गया है। इसमें नौ नई धाराएं और 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं।
नगर निरिक्षक कृपाल सिह मार्को ने बताया की
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा। इसमें कुल 170 धाराएं होंगी, जिनमें से छह धाराओं को हटाया गया है और दो नई धाराएं और छह उपधाराएं जोड़ी गई हैं।
जिसके मुख्य बिंदु- कम्युनिटी सेवा: छह अपराधों में सजा के तौर पर कम्युनिटी सेवा का प्रावधान किया गया है।

- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध: इन मामलों में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है, जैसे रेप के मामलों में अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 वर्ष कैद की सजा होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य: ऑडियो-वीडियो साक्ष्य को महत्व दिया गया है और फॉरेंसिक जांच को अहमियत दी गई है।
- जीरो FIR: कोई भी नागरिक अपराध के सिलसिले में कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकता है।
- E-FIR: ई-सूचना से भी FIR दर्ज की जा सकेगी, जिससे जांच और प्रक्रिया में तेजी आएगी।
- चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा: FIR के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होगी और सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के भीतर जजमेंट देना अनिवार्य होगा।
- महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध: भारतीय न्याय संहिता में कुल 36 धाराएं निर्धारित की गई हैं।
नगर निरीक्षक कृपाल सिंह मार्को व तहसीलदार भरत पांडे ने नए कानूनों का उद्देश्य भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और समयबद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से न्याय में देरी को कम किया जा सकेगा और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकेगा। बैठक मे नगर के
सुनील बन्ना, संजय दुवे, मोती यादव, बृजगोपाल सोनी, रधुवीर श्रीधर, वीरेंद्र सिघई, आंशिक मंसूरी, मुकेश रावत, पवन गन्धर्व, राजेश खरे, राजीव अहिरवार, अनिल बडकुल, अशोक जैन, महेन्द्र साथी, अरविंद माली, दीपेन्द्र परमार,अभीषेक आसाटी, अंशुल आसाटी सहित बडी संख्या मे नगरबासी उपस्थित रहे।