प्रतिस्पर्धा के इस युग में पत्रकारिता का भविष्य आंचलिक पत्रकारिता में देखने को मिलता है-आहूजा

ब्यावरा। राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में पत्रकार परिषद के तत्वावधान में देवऋषि नारद मुनि की जयंती को पखवाड़े के रूप में हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया इस अवसर पर महर्षि नारद मुनि के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई, वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रांत संगठन मंत्री प्रज्ञा प्रवाह पूर्व संयोजक जनसंपर्क विभाग लाजपत आहूजा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ लिख देने से कोई भी क्रांतिकारी पत्रकार नहीं बन जाता बल्कि लोक कल्याण की भावना से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए, राष्ट्र को मजबूत और संस्कृति को उच्च शिखर पर पहचाने तथा सही इतिहास को दिखाने वाला सच्चा पत्रकार होता है। आपने कहा कि पत्रकारिता का भविष्य राजधानी में नहीं बल्कि जिले के आंचलिक पत्रकारिता में देखने को मिलता है. प्रतिस्पर्धा के इस युग में राजधानी के पत्रकार तुरंत खबर देने की होड़ में लगे रहते हैं जबकि जिले के आंचलिक पत्रकार उस खबर पर रिसर्च करने और उसकी प्रमाणिकता एवं परिपक्वता की जांच करने के उपरांत ही खबरों का प्रकाशन करते हैं। ऐसे पत्रकार आज समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं जिले के आंचलिक पत्रकार सत्यम शिवम और सुंदरम के आधार पर अपनी खबरों का प्रकाशन करते हैं, राजधानी की अपेक्षा जिले के आंचलिक पत्रकारों को ही सैद्धांतिक, व्यवहारिक एवं प्रमाणिकता सिद्ध करने का अवसर मिलता है।

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