भारतीय संस्कृति के अनुरूप आदर्श समाज की स्थापना के लिए किया जाना चाहिए काव्य संगोष्ठी का आयोजन : कवित्री चंद्रमती चतुर्वेदी

अयोध्या:——भारतीय संस्कृति के अनुरूप आदर्श समाज की स्थापना के लिए किया जाना चाहिए काव्य संगोष्ठी का आयोजन:—– कवित्री चंद्रमती चतुर्वेदी

मनोज तिवारी ब्यूरो प्रमुख अयोध्या।कवियों द्वारा रचित काव्य संग्रह की प्रस्तुति के लिए कवि सम्मेलन और काव्य संगोष्ठी का आयोजन कर समाज को आदर्श समाज के रूप में स्थापित किया जा सकता है। उक्त विचार हिंद की बेटी के नाम से मशहूर कवित्री चंद्रमती चतुर्वेदी ने एक साक्षात्कार के दौरान व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की स्थापना के लिए समाज को जागरूक होने की महती आवश्यकता है। खासकर देश के भविष्य को संवारने के लिए युवाओं में जागरूकता की जरूरत होती है क्यो कि लोकतंत्र की स्थापना में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ऐसे में कवि सम्मेलनों एवं संगोष्ठी के माध्यम से विभिन्न कविताओं द्वारा देश के भविष्य युवा वर्ग में जागरूकता लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है। जिसमें काव्य संगोष्ठी के माध्यम से भी समाज में लोगो को जागरुक कर देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने एवं समाज को संगठित रखने के लिए पिछले कई दशकों से आयोजन किए जाते रहे हैं उन्होंने देश की आजादी के लिए कवियों द्वारा रचित कई कविताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व में हमारे देश के उज्जवल भविष्य के लिए विभिन्न कवित्त सूरमाओं द्वारा कविताओं की रचना की गई। जिससे समाज में जागरूकता पैदा हुई और हमारी संस्कृति व सम्मान के प्रति लोगों में जागृति का संचार हुआ तथा कवि सम्मेलनों व संगोर्ष्ठियों के प्रति जागरूक लोगों में रुझान बढा़ जिसके परिणाम भी सार्थक साबित हुए। उन्होंने बाबा तुलसीदास,रहीम और रसखान का उदाहरण देते हुए कहा की ऐसी महान विभूतियां हमारे देश में पैदा हुई और उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से हमें तथा हमारे समाज का मार्ग दर्शन किया ऐसे में आदर्श समाज की स्थापना के लिए बाबा तुलसीदास, रहीम और रसखान जैसे कवियों की काव्य संग्रह हमारे जीवन के लिए उपयोगी एवं सार्थक सिद्ध होती है। बाबा तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में रचित रामचरितमानस की चौपाई”*सब नर करहि परस्पर प्रीती, चलहि स्वधर्म निरति श्रुति नीती*का उल्लेख करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्री राम के राज्य में प्रजा में एक दूसरे के लिए उक्त चौपाई के अनुसार प्रेम व्यवहार एवं सम्मान था इसलिए समय-समय पर जागरूक लोगों द्वारा कवि सम्मेलन एवं कवि गोष्ठी का आयोजन उपयोगी है। बहुमुखी प्रतिभा की धनी कवित्री हिंद की बेटी चंद्रमती चतुर्वेदी ने अपनी विभिन्न कविताओं का उल्लेख करते हुए स्वरचित कविताओं का रसा स्वादन भी कराया।कहा कि समाज व देश में व्याप्त भ्रष्टाचार व कुरीतियों को दूर करने के लिए ही कवि सम्मेलन एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है कवियों के द्वारा रचित कविताएं समाज में जागरूकता पैदा करती हैं समाज को दिशा दिखाती है। हिंद की बेटी के नाम से मशहूर कवित्री चंद्रमती चतुर्वेदी ने बताया कि वीर रस श्रृंगार रस एवं हास्य व्यंग्य की कविताओं के माध्यम से कवियों द्वारा रचित कविताएं जागरूकता तो पैदा करती ही हैं वहीं स्वस्थ सुंदर एवं स्वच्छ समाज की स्थापना के लिए कविताएं प्रेरणा स्रोत भी होती हैं कवित्री हिंद की बेटी चंद्रमती चतुर्वेदी ने बताया कि उनके द्वारा ग्रामीण अंचल से लेकर कई नगरों व महानगरों में आयोजित कवि सम्मेलन व संगोष्ठी में विभिन्न काव्य रचनाओं की प्रस्तुति की जा चुकी है समाज के जागरूक लोगों का आवाहन करते हुए कहा कि कवि संगोष्ठी का आयोजन समय-समय पर किए जाने से आदर्श समाज की स्थापना के लिए जागरूकता लाई जा सकती है उन्होंने अपनी कविता (सौगंध यह अखंड है, शौर्य यह प्रचंड है, आन है उन सूर की, हिंद के उन वीर की, जो कभी झुके नहीं, जो कभी रुके नहीं) जैसी विभिन्न कविताओं का उल्लेख भी किया।

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