डंपर ने मारी बिजली के खंबे में टक्कर सात गांव की विद्युत व्यवस्था ठप्प सात गांव अंधकार की चपेट मे जेई छुट्टी पर, विभाग के दस बारह खम्बे टूट जाने के बाद भी मामले की नही जानकारी।

सात गांव अंधेरे में जे ई छुट्टी पर जे ई की लापरवाही से विकासखंड की ग्रामीण परेशान आए दिन विद्युत विभाग के लगा रहे चक्कर।

||विनोद कुमार जैन||

बक्सवाहा // क्रेशर संचालको के द्वारा जुझारपुरा में पिछले कई सालों से क्रेशर संचालित किये जा रहे है। लेकिन यहाँ नियम कानून की हमेशा से धज्जियां उड़ाई जाती है बीते दिन चौधरी क्रेशर के डम्पर ने खदान से निकलते हुए बिजली के तार सहित कई खम्बों को तोड़ दिया जिससे कई गावों में अंधेरा पसरा हुआ है साथ ही क्रेशर के कर्मचारी ड्राइवरों द्वारा सड़कों पर बिना किसी परवाह के डम्पर दोडा रहे है जिससे ग्रामीण दहसत में रहते है रविवार के दिन गुस्साए सैकड़ो ग्रामीणों ने रविवार के दिन जनपद सदस्य प्रतिनिधि गोपाल लोधी के साथ तहसील मुख्यालय पहुंचकर चौधरी क्रेशर संचालक भगवानदास चौधरी की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन तहसीलदार तथा थाना प्रभारी को दिया !

जिसमें जनपद सदस्य प्रतिनिधि गोपाल लोधी ने उन्होंने कहा कि चौधरी क्रेशर के ट्रक द्वारा बिजली के कई पोलो को तोड़ दिया गया है जिससे केरवारा, जुझारपुरा, गढीसेमरा, कुढाजनी, खेजरा, अमोदा, तुमरियाओ जैसी कई और भी गांव अंधकार में डूबे हुए हैं जिससे गांव में अंधेरा छाया हुआ है क्रेशर संचालकों के द्वारा नियमों को अनदेखा कर क्रेशर चलाए जाते हैं।

क्रेशर के ड्राइवर चालक भी बिना किसी प्रवाह की ड्राइविंग करते हैं जानकारी के अनुसार क्रेशर की डंपर चालक शराब के नशे में धुत होकर डंपर को बड़ी तेजी से दौड़ते हैं वही क्रेशरों से निकलने वाली धूल के कारण मोटरसाइकिल चालक को रोड पर चलने में काफी परेशानियां होती हैं धूल उड़ाने के कारण सामने का कुछ भी नजारा नहीं दिखाई देता और लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं पिछले सालों में दर्जनों एक्सीडेंट में मौतें क्रेशरों के समीप हुई हैं लेकिन क्रेशर संचालकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ग्रामीणों की फैसले खराब होती हैं एवं ग्रामीण बीमारियों का शिकार होते हैं जिला से माइनिंग विभाग की टीमें क्रेशरों की जांच के लिए आती हैं लेकिन आज देंगे तक किसी भी क्रेशर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

मौजूदा स्थिति की बात करें तो चौधरी क्रेशर पर क्रेशर के चारों तरफ बाउंड्री वॉल बनाई नहीं है क्रेशर के आसपास वृक्षारोपण की स्थिति शून्य नजर आती है खदान की स्थिति की बात करें तो शासन द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल में खदान ना होकर एक बड़े भूभाग की जमीन में ब्लास्टिंग करके पत्थर निकाला जा रहा है जो कि अवैध है
बिजली न होने से पानी की हो रही किल्लत।

यहां बता दे की बक्सवाहा विकास खंड के अंतर्गत ऐसे लगभग सात गांव है जो 2 दिन से अंधेरे में डूबे हुए हैं गांव में रहने वाली लोगों को पीने के पानी की व्यवस्थाएं चौपट हो गई है इस संबंध में जब बक्सवाहा जे ई रामप्रकाश द्ववेदी से जब पूछा गया तो उन्होंने छुट्टी का हवाला देते हुए अपना मोबाइल बंद कर लिया एक तरफ शासन 24 घंटे बिजली देने की बात कहती है लेकिन वही शासन के कर्मचारी शासन की योजनाओं की किस तरह धज्जियां उड़ा रही हैं यह आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं।


ज्ञापन सोंपने वालों में गोपाल सिंह,मुंशी राजा सोरई,वीर सिंह लोधी ,बिहारी यादव ,जगन्नाथ सिंह, भैया लाल सोेर ,सरपंच राख बाई ,जमना कुशवाहा ,इमरत सिंह ,कमलेश सिंह ,राजू कैरवारा आदि सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *