विनोद कुमार जैन
बड़ामलहरा-:- सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि में विराग सागर महाराज एवम आचार्य श्री विन्रम सागर महाराज ससंघ के ससंघ सानिध्य में चल श्री एक हजार आठ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीर्थंकर बालक आदिनाथ का जन्म कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें सौधर्म इंद्र, इंद्राणी के द्वारा तीर्थंकर बालक के जन्म के समय कल्याणक का रूपाांतरण नाटक का मंचन किया गया। जब तीर्थंकर बालक का जन्म हुआ उस समय चारों ओर खुशियां छा गईं। वहीं पड़ाल में उपस्थित श्रद्धालुगण झूम उठे।

कार्यक्रम के दौरान विराग सागर महाराज ने कहा कि आज पंचकल्याणक में भगवान आदिनाथ का जन्म हुआ। आदिनाथ को ऋषभदेव के नाम से भी जाना जाता है।

आचार्य श्री ने आगे कहा कि जिनेन्द्र के पंचकल्याणक करने कराने तथा उसमें भाग लेने का और अनुमोदना करने का भाव उन्हीं प्राणियों के अंदर होता है, जिनका पुण्य सत्ता में रहता है। बिना पुण्य के ऐसे अवसर ही प्राप्त नहीं हो पाते हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो चाहते हुए भी भगवान की भक्ति एवं पंचकल्याणक से वंचित रह जाते हैं।

उन्होंने बताया कि पंचकल्याणक में भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव कार्यक्रम बढ़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया। आज का दिन संसार के प्रत्येक प्राणी के लिए कल्याणकारी और शक्ति प्रदान करने वाला होगा।

धूमधाम से मनाया गया जन्म कल्याणक
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीर्थंकर बालक के जन्म के पश्चात हाथी पर बैठकर तीर्थंकर बालक की जन्म की खुशी में नगर भ्रमण कराया गया। बग्घी में इंद्र, इंद्राणी भक्ति करते हुए चल रहे थे।चौबीसी मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर शोभायात्रा द्रोणगिरि का भ्रमण करके वापस चौबीसी प्रांगण पहुंची।

वहां पर तीर्थंकर बालक का महामस्तकाभिषेक किया गया। तीर्थकर जन्म की ख़ुशी में अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद बुंदेलखंड के नवयुवको के द्रारा वस्त्र दान भी किये गए। साथ
शोभायात्रा में सौधर्म ,मातापिता,कुबेर,महायज्ञ नायक,यज्ञनायक, इंद्र इंद्राणी सहित सभी धर्मप्रेमी महानुभाव मौजूद रहे।