दो सौ साल पुराने नाले की समस्या को लेकर किया धरना प्रदर्शन

\\शिवराम अठ्या\\

10 दिन पूर्व 200 पुराने नाले का रास्ता परिवर्तित करने के विरोध में लिखित आवेदन दिया सीएमओ को लेकिन कोई न्याय पूर्ण कार्यवाही नहीं हुई इसी के विरोध में सांकेतिक धरना प्रदर्शन की क्या नगर परिषद बक्सवाहा के समक्ष आवेदक आशिक मंसूरी ने बताया कि इसके पूर्व 10 दिन पहले नगर परिषद सीएमओ को एक लिखित आवेदन के माध्यम से अवगत कराया था की जो 200 साल पुराना नाला है उसका रास्ता परिवर्तित किया जा रहा है

तानाशाही रवैया से नगर के लोगों का सार्वजनिक पानी नाले से निकलता था यह सभी मोहल्ले वासियों का बताना है और उन्होंने बताया कि पानी हमेशा बाबा के कुआं से जो सामने जो नाला है सीधा पानी बही से जाता था खेतों में से और जाकर आगे नरईया में मिल जाता था और यह बात बर्तमान कि नहीं है कई साल पुरानी हैं लोगों का बताना है वहीं से पानी का निकास था लेकिन जिस तरीके से तानाशाही रूप से पूरा नाले का रास्ता परिवर्तित कर दिया गया पानी का निकाश बंद है करीब 10 परिवार के लोग वहां पर रहते हैं उनके मकान के पीछे के हिस्से और नींव में पानी रिश भी रहा है अगर सर्वजनिक पानी है नगर के लोगों का तो सही ढंग से निकासी हो पानी की यह किसकी जिम्मेदारी है यह प्रश्नचिन्ह खड़ा करता उन तानाशाही जनप्रतिनिधियों पर खुद के स्वार्थ के लिए दर्जनों परिवारों को परेशान किया जा रहा है

अगर भविष्य में कोई मकान को क्षति पहुंचती है और वहां पर कितनी गंदगी है वहां पर बदबू आ रही है और पानी का जमाव हो रहा है क्योंकि निकासी ना होने के कारण इसी के विरोध में धरना प्रदर्शन किया नगर पंचायत सीएमओ के द्वारा आश्वासन दिया गया कि मौके पर आकर न्याय पूर्ण कार्रवाई की जाएगी उनके आश्वासन के बाद धरने को खत्म किया अगर समय रहती हुई है न्याय पूर्ण कार्रवाई नहीं हुई तो जिसके आगे जो भी गतिविधि होती है उसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन और प्रशासन की होगी

और धरना प्रदर्शन के दौरान नगर परिषद सीएमओ द्वारा कहा गया की धरने की परमिशन किसने दी आपको बता दें जो आवेदन 10 दिन पूर्व दिया था उसमें स्पष्ट लिखा था कि अगर कार्रवाई नहीं होती है न्याय पूर्ण रूप से तो धरना प्रदर्शन होगा मैंने आपको बताया भी था मौखिक रूप से आवेदन के माध्यम से भी इस प्रकार की बात से सीएमओ महोदय हमारी आवाज को दबाने का प्रयास मत मत करिए क्योंकि हमें भी संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी है अपनी बात कहने की

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