दिल्ली से लेकर अंडमान ओर निकोबार तक का सफर डॉक्टर नितिन शाक्य की जुबानी

दिल्ली से लेकर अंडमान ओर निकोबार तक का सफर डॉक्टर नितिन शाक्य की जुबानी

नई दिल्ली – हनी महाजन

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में रहने वाले डॉ नितिन शाक्य ने चिकित्सकीय पेशे से लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास आज। उनकी सफलता की कहानी हर उस स्टूडेंट के लिए है जो दूसरों की निंदा पर अपना दिल छोटा कर लेते हैं। डॉ नितिन शाक्य के पेरेंट्स को कभी उनके स्कूल ने 12वीं का एडमिट कार्ड देने से मना कर दिया था, लेकिन उन्होंने खुद को ऐसे तैयार किया कि उन्हें कदम दर कदम सफलता मिलती गई। डॉक्टर नितिन शाक्य ने 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही एनसीईआरटी की किताबों से डॉक्टरी की तैयारी भी कर ली थी। इसलिए बारहवीं करते ही उन्होंने पीएमटी क्लीयर कर लिया। इसके बाद उन्हें दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। जहां से कॉलेज लाइफ का सफर शुरू हो गया। इसी दौरान उनके मन में कुछ और बड़ा करने का आया और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के बारे में सोचा। फिर उन्होंने पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

नितिन पहली बार तैयारी करके इंटरव्यू तक पहुंच गए। लेकिन पहले अटेंप्ट में वह 10 नंबरों से फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाए। फिर भी उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और तैयारी जारी रखी।उनका संघर्ष यहीं पूरा नहीं हुआ. अगली बार दूसरे अटेंप्ट में वो मेंस में फेल हो गए, फिर तीसरी बार प्रीलिम्स भी नहीं निकाल पाए। लेकिन चौथी बार में उन्होंने यूपीएससी 2018 क्लीयर किया, जिसके बाद उन्हे नई दिल्ली मे एसडीएम की पोस्ट मिली। उस वक़्त करोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चंगुल मे जकड़ रखा था। उस वक़्त नई दिल्ली मे तैनात एसडीएम डॉक्टर नितिन शाक्य के सामने काफी बड़ी चुनौतिया थी।

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से अस्पतालों में हालात बहुत ही खराब थी लोगो को बेेड नही मिल पा रहे थे। ऐसे में संक्रमित लोगों का अब वहीं के स्थानीय लोग चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया गया। अगर जरुरत पड़ी तब ही अस्पताल में दाखिल किया जा रहा था। इसके लिए नई दिल्ली के एसडीएम डॉक्टर नितिन शाक्य ने स्वास्थ्य दूत योजना अभियान शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य कोरोना के हल्के व मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों का घर पर ही इलाज करना और उनकी देखरेख करना था। इसके तहत आरडब्ल्यूए के प्रस्ताव पर 30 लोगों को स्वास्थ्य दूत बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था। अब यह लोग कालोनी में हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को इलाज देने लगे। जिले में एसडीएम डाक्टर नितिन शाक्या के द्वारा शुरू की गई इस स्वास्थ्य दूत योजना के तहत लोगो को प्रशिक्षण दिया जाने लगा। नितिन का कहना था कि संक्रमित होने के बाद कई लोग ऐसे होते हैं जो अस्पताल में दाखिल होना चाहते हैं। जबकि हर मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं थी। हल्के और मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों का इलाज घर पर ही हो सकता था। ऐसे घबराकर नहीं बल्कि धीरज से काम लेना था। उन्होंने योजना के माध्यम से प्रत्येक आरडब्ल्यूए में ऐसे स्वास्थ्य दूतों की नियुक्ति की ताकि अस्पतालों व डाक्टरों पर मरीजों का दवाब कम हो सके ,जिन लोगो को इस स्वास्थ्य दूत योजना का लाभ मिला वो भी काफी खुश नजर आए। नितिन के इस कदम से उनकी काफी लोगो ने सराहना की मास्क वितरण से लेकर दिल्ली के लोगो को जागरूक करना 24 घंटे कोरोना काल मे देश की सेवा मे लगे रहे। नितिन शाक्य आज अंडमान ओर निकोबार मे आज एसडीएम के पद् पर है। दिल्ली मे शानदार काम करने के बाद उन्हे अंडमान ओर निकोबार मे नई जिम्मेेदारी दी गई जिसे वह उसे बेखूबी निभा रहे है। दिल्ली के त्यौहार के समय वह अपने परिवार से मिलने दिल्लो आये हुए है। रविवार गाज़ियाबाद के एक शो मे अंडमान ओर निकोबार के एसडीएम डॉक्टर नितिन शाक्य की मुलाक़ात हुई जहाँ उन्होंने अपने सफर के बारे मे बताया।

Dr. Nitin Shakya- Nodal officer