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प्यारी-सी बिटियां का जन्मदिन मना ! वक्त बदला , माहौल बदला और मां-बच्चों के बीच रिश्ता हो गया हैं प्रगाढ़ ।
न्यूज़ चांपा । एक जमाना था जब मां ने डांट डपट दिया,या कुछ करने के लिए डांटकर आदेश दे दिया और बेटी ने नजरें झुकाकर मान लिया। आजकल के जमाने में यह तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी हैं बदलते वक्त के साथ-साथ मां और बेटी दोनों कार्य , व्यवहार को समझ रहे हैं और अपनी सोच-विचार के अनुकुल सामंजस्य स्थापित करते हुए सद्व्यवहार कर रहे हैं । वास्तव में मां बेटी के रिश्तों में भावनाओं का समंदर बसता हैं । इसीलिए तो एक मां जीवन को आनंदित करने वाले पल का इंतजार करती रहती हैं कि कितनी जल्दी उसके बेटी के सालगिरह का पल आएं। जो चीज़ साल में एक बार आता हैं, वह हैं जन्मोंत्सव । सामाजिक कार्यकर्ता एवं केसरवानी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती शांता गुप्ता की जुड़वां बेटी सुश्री दिव्या और नव्या केशरवानी का जन्मदिन हर्षोल्लास से भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनाया गया । शशिभूषण सोनी ने बताया कि मां ही वह शख्स हैं , जहां बच्चों की सारी भावनाएं, उसके सारे सुख, दुःख-दर्द और सारी अपेक्षाएं जमा होती हैं। एक मां अपने बच्चों से कितना प्रेम करती हैं,वह ख़ुद नहीं जानती बल्कि उसके कार्यों और व्यवहार से झलकता हैं । हर मां की तरह श्रीमति शांता गुप्ता अपने दोनों बच्चियों को दुनिया की अथाह खुशियां देना चाहती हैं , उसकी खुशियों के लिए हर समय तत्पर रहती हैं । आर्शिवादों की झड़ी अपने बच्चों के लिए उसके मुख से हरदम लगी रहती हैं । वास्तव में मां तो दुआओं का समंदर हमेशा लुटाती ही रहती हैं। प्रतिक्षा करती हैं कि कब बच्चों का वर्षगांठ जल्दी आएं, आज़ दोनों बच्चियों को जन्मदिन की बधाई देते हुए आत्मिक सुख लगा कि शांता गुप्ता बहनजी ने दोनों बच्चियों का जन्मदिन भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनाया । भारतीय संस्कृति के अनुरूप दीप जलाकर और पूजन करके जन्मदिन मनाया शुभ माना जाता हैं । वैसे आज़कल भारतीय संस्कृति और सभ्यता की बातें तो लोग खूब करते हैं , लेकिन समय आने पर पाश्चात्य संस्कृति की नकल करने से बाज़ नहीं आते ? दिव्या और नव्या दोनों बच्चियों को ढ़ेर-सारी बधाईयां । बच्चियों के सुनहरे भविष्य को साकार करने में शांता बहन और उनके पति अधिवक्ता महेंद्र गुप्ता बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह सजग हैं । बच्चों की खुशियां और होंठों पर मुस्कान ऐसी ही हमेशा बनी रहें , यही ईश्वर से कामना हैं । पूर्व पार्षद श्रीमती शशिप्रभा सोनी, सत्यभामा साव, श्रीमति संगीता पाण्डेय, शांति थवाईत, श्रीमति शीला स्वर्णकार ने भी दोनों बच्चियों को जन्मदिन की बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि घर की रौनक बेटी से होती हैं,बेटी भी सबसे ज्यादा अपनी मां की चहेती होती हैं। बेटी की मासूमियत के सामने मां किसी भी जायज़ बात के लिए कभी इंकार नहीं करती, क्योंकि वह अपनी लाडली बेटी को बहुत प्यार और स्नेह करती हैं। बिटियां रानी को दुनिया की सारी खुशियां दे देना चाहती हैं । शांता बहिनजी का अपने दोनों जुड़वां बेटियों दिव्या और नव्या के प्रति अपार श्रद्धा और प्यार हैं ।