आत्महत्या की रोकथाम हेतु चाम्पा महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन हुआ

“”””” रास्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत छात्रों को दी गई जानकारी”””” ज्ञात हो कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला चिकित्सालय जांजगीर और एम एम आर स्नातकोत्तर महाविद्यालय चांपा के सयुक्त तत्वाधान में आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया ।कार्यशाला के प्रारंभ में महाविद्यालय के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा मनीष साव द्वारा विश्व आत्महत्या निवारण दिवस जो कि प्रतिवर्ष 10 सितंबर को मनाया जाता है, इसके महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया की इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व आत्म हत्या निवारण दिवस के लिए नारा दिया है कि कार्यवाही के द्वारा आशा जगाना। डाक्टर साव ने बताया की 77 प्रतिशत आत्महत्या निम्न व मध्यम आय वाले देशों में घटित होता है।दुनिया में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या से होती है।आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों के संख्या के आधार पर विश्व में भारत का स्थान 43 वा है।विश्व में होने वाले कुल आत्महत्या के मामले में 21 प्रतिशत मामले भारत में होते है।जिनमे 18 प्रतिशत महिला,7 प्रतिशत किसान होते है।।भारत में हर 4 मिनट में एक आत्महत्या होती है।भारत में प्रतिवर्ष छात्रों में आत्महत्या की दर में वृद्धि हो रही है।2020 में लगभग 12526 छात्रों ने आत्महत्या की वही 2021 में 13089 छात्रों ने आत्महत्या की। जिला चिकित्सालय जांजगीर से आए हुए कार्यक्रम संयोजक श्री रोशन यादव ने आत्महत्या के कारण एवम निवारण पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।तत्पश्चात विद्यार्थियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमे विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आत्महत्या के कारण व निवारण को सरल ढंग से समझाया गया।।आज के इस कार्यक्रम में एन एस एस अधिकारी डाक्टर डी एन बंजारे,राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक गण सुश्री अनुराधा राठौर एवम गजानंद देवांगन सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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