तिब्बत की आजादी और धर्मगुरू पंचेन लामा का पता लगाने को तिब्बती समुदाय का प्रदर्शन

तिब्बत की आजादी और धर्मगुरू पंचेन लामा का पता लगाने को तिब्बती समुदाय का प्रदर्शन

रिपोर्टर रवि बंसवाल।

मसूरी। तिब्बत के 11वें धर्मगुरू गेंदुन छोंकी नीमा पंचेन लामा के लापता होने के 27 साल साल पूरे होने पर तिब्बती समुदाय के लोगों ने गांधी चौक पर चीनी सरकार के खिलाफ एक दिवसीय अनशन कर यूएनओ से मांग की है कि उनका पता लगाया जाय साथ ही तिब्बत की आजादी को लेकर भी उन्होंने विश्व समुदाय से अपील की।
तिब्बत यूथ कांग्रेस के तत्वाधान में गांधी चौक पर तिब्बतन यूथ कांग्रेस व तिब्बतन महिला कांग्रेस के नेतृत्व में चीन सरकार के खिलाफ एक दिवसीय अनशन रखा गया एक दिवसीय अनशन पर बैठी तिब्बतन महिला कांग्रेस की तेंजिंग छिरिग ने कहा कि दलाई लामा के बाद जो दूसरे धर्मगुरू पंचेन लामा हैं उन्हें चीन के सुरक्षा बलों ने छह साल की उम्र में 1995 में अपहरण कर लिया था जिनका आज 27 साल पूरे होने पर भी पता नहीं चल पाया है कि वह जिंदा है या मर गये हैं वर्तमान में उनकी उम्र 32 वर्ष हो गई है लेकिन उनका पता नहीं चल पाया है व तिब्बती समुदाय लगातार उनका पता लगाने की मांग करता रहा है इसी कड़ी में पूरे विश्व में तिब्बतन समुदाय के लोग एक दिवसीय अनशन कर रहे हैं व यूएनओ से मांग कर करे है कि चीन सरकार पर दबाव बनाकर उनका पता लगाया जाय।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि चीन की सरकार ने धर्मगुरू पंचेन लामा को 27 साल पहले उनके परिवार व ताशी लूम्बों मठ के मठाधीश छेडरल रिंपोछे के साथ अपहरण कर लिया गया था लेकिन आज तक उनका पता नहीं चला है उन्होंने यूएनओ सहित चीन की सरकार से मांग की है कि पंचेन लामा को रिहा किया जाय व धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखते हुए चीन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को बनाये रखे। मालूम हो कि पंचेन लामा को छह साल की उम्र में तिब्बत के सुरक्षा बलों ने अपहरण कर दिया था जिनका आज तक पता नहीं चला वहीं सूत्रों से 2015 में पता चला था कि उन्हें आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन सच क्या है उसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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