अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर 5 एक्सप्रेेस ट्रेनों के ठहराव की आवाज लोकसभा में बुधवार को उठाई

Bureau Report, Ambedkarnagar

पांच एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए सांसद ने उठाई आवाज

अंबेडकरनगर। सांसद रितेश पाण्डेय ने अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर 5 एक्सप्रेेस ट्रेनों के ठहराव की आवाज लोकसभा में बुधवार को उठाई। उन्होंने इसके साथ ही अकबरपुर होकर रेल लाइन के दोहरीकरण में बरती जा रही शिथिलता का मामला उठाने के साथ ही निनामपुर समेत कई अंडर पास का तेजी से निर्माण सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सांसद ने अकबरपुर नगर में रेल लाइन के ऊपर बने ओवरब्रिज के साथ ही फुट ब्रिज का निर्माण कराने की भी मांग की।सोमवार को सदन में अपनी आवाज बुुलंद करने वाले सांसद रितेश पांडेय ने बुधवार को एक बार फिर से अपनी बात रखी। उन्होंने सदन में बोलते हुए कहा कि पांच प्रमुख ट्रेनों टाटा नगर जलियावाला बाग एक्सप्रेस, श्रद्धा सेतु एक्सप्रेस, छपरा दिल्ली एक्सप्रेस, गोंडा वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा अजमेर किशनगंज गरीबनवाज एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव अभी भी अकबरपुर में नहीं हो पा रहा है। धार्मिक, व्यावसयिक तथा अन्य तमाम कारणों से इन ट्रेनों का ठहराव यहां होना अत्यंत आवश्यक है। इनमें से गोंडा वाराणसी एक्सप्रेस कैंसर के मरीजों के लिए बड़ी मददगार रही है। वाराणसी तक जाने के लिए कैंसर के तमाम मरीज पहले इस ट्रेन का उपयोग करते रहे हैं। कोविड संक्रमण को लेकर बंद हुई ट्रेन का संचालन फिर से कराया जाए।सांसद ने अकबरपुर से होकर किए जा रहे रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया। कहा कि काम के गति न पकड़ने के चलते निनामपुर समेत कई जगहों पर अंडर पास न बनने से प्रतिदिन हजारों व्यक्तियों को आवागमन में मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। अंडर पास का निर्माण प्राथमिकता के साथ पूरा कराया जाए। अकबरपुर नगर में रेल लाइन के ऊपर बने ओवरब्रिज का जिक्र करते हुए कहा कि पैदल रेल पटरी को पार करने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाए। इससे न सिर्फ इर्दगिर्द स्थित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों, वरन आम नागरिकों को भी व्यापक लाभ होगा, जिन्हें अभी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रितेश ने रेलवे के गिरते राजस्व को लेकर चिंता प्रकट किया। कहा कि केंद्र सरकार व पीएसयू से निरंतर पैसे लेकर रेलवे अपनी वास्तविक स्थिति को छिपाने का प्रयास कर रही है। यह स्थिति रेलवे व देश के लिए ठीक नहीं है। रेल बजट में मुनाफे का अनुमान लगाने के लिए जिन संख्या का उल्लेख रेलवे कर रहा है, वह पिछले सात वर्ष में कभी देखे नहीं गए। इसलिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रेलवे को बचाने के लिए युवाओं को चेतना होगा। उन्हें इसके लिए आगे आने की जरूरत है।