प्राचार्य अरविंद तिवारी की अनूठी पहल: स्कूल परिसर बना हरा-भरा गार्डन।

विनोद कुमार जैन

वकस्वाहा: प्रदेश के छतरपुर जिले के विकासखंड वकस्वाहा स्थित कन्या हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य अरविंद तिवारी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अथक परिश्रम से बंजर भूमि को हरे-भरे बगीचे में तब्दील कर प्रदेश में एक मिसाल कायम की है। उनकी इस पहल ने न केवल स्कूल परिसर को सुंदर बना दिया है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गया है।

बंजर भूमि को हरा-भरा बगीचा बनाने की प्रेरणादायक कहानी

प्राचार्य तिवारी ने स्कूल की बाउंड्री के भीतर पड़ी खाली जगह को हरियाली से भरपूर बगीचे में बदल दिया। नियमित देखभाल और सिंचाई से अब यहां फल, फूल और पेड़ लहलहाने लगे हैं।

औपचारिकता नहीं, संकल्प का नाम है अरविंद तिवारी

जहां अधिकांश जनप्रतिनिधि और अधिकारी “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियानों के तहत केवल औपचारिकताएं पूरी करते हैं, वहीं प्राचार्य तिवारी ने अपने स्कूल में लगभग 200 पेड़-पौधे लगाकर एक अद्भुत बगीचा तैयार किया है। उन्होंने प्रतिदिन अपनी ड्यूटी के बाद दो से चार घंटे का समय देकर इन पौधों की देखभाल की है।

कचरे से हरे-भरे बगीचे तक का सफर

स्कूल के मुख्य द्वार के पास नगर परिषद द्वारा बनाए गए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पीछे की यह जगह, बस स्टैंड पर आने-जाने वाले लोग वॉशरूम के रूप में इस्तेमाल करते थे। इससे स्कूल की छात्राओं और शिक्षकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था। कई बार शिक्षकों को इस मुद्दे पर लोगों से विवाद भी करना पड़ता था।

दूसरी बार प्रभार मिलने पर लिया संकल्प

प्राचार्य तिवारी 2003 से स्कूल में प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। बीच-बीच में प्राचार्य के बदलने के कारण उन्हें प्रभार छोड़ना पड़ा। 2020 में पुनः प्रभार मिलने पर तिवारी ने इस समस्या को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने सबसे पहले इस जगह को तार और जाली से कवर करवाया और वहां विभिन्न प्रकार के पौधे रोपे।

नगरवासियों के लिए बना नया आकर्षण स्थल

तिवारी के अथक प्रयासों से अब यह जगह हरे-भरे पेड़ों और पौधों से भर गई है। केला, बेल पत्री, तुलसी, पीपल, आम और अन्य पेड़ अब बड़े हो गए हैं। स्कूल परिसर की स्वच्छता और हरियाली को देखकर अब नगरवासी शाम-सुबह वहां टहलने और शांति से बैठने के लिए आने लगे हैं।

चार बगीचों में तीन सौ पौधे किए तैयार

श्री तिवारी ने स्कूल परिसर में चार अलग-अलग स्थानों पर चार बगीचों में लगभग तीन सौ पौधे लगाए हैं। पहले बगीचे की लंबाई दो फीट और चौड़ाई पंद्रह फीट है। दूसरे बगीचे की लंबाई 150 फीट और चौड़ाई बीस फीट है। तीसरे बगीचे की लंबाई 60 फीट और चौड़ाई बीस फीट है। चौथे बगीचे की लंबाई 45 फीट और चौड़ाई बीस फीट है। इसके अतिरिक्त पूरे मैदान में लगभग पंद्रह पेड़ ट्री गार्ड की मदद से लगाए गए हैं।

नगर के शिक्षक आनंद जैन, व्यापारी शोभित शाह, ग्राम पंचायत के सचिव सुधीर बन्ना, पत्रकार विनोद और डॉ. देवेंद्र ने बताया कि यह जगह पहले वॉशरूम के रूप में उपयोग होती थी और रात के समय शराब पीने का अड्डा बन गई थी। अब यह जगह साफ-सफाई, रोशनी और बैठने की व्यवस्था के साथ सुंदर और आकर्षक बन गई है।

प्रशंसा की बौछार

प्राचार्य अरविंद तिवारी के इस सराहनीय कार्य की प्रदेशभर में प्रशंसा की जा रही है। उनका यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि अन्य शिक्षण संस्थानों और उनके प्रमुखों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। अगर सभी संस्था प्रमुख अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ऐसे प्रयास करें, तो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ प्रदेश की सुंदरता भी बढ़ेगी और एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण की स्थापना होगी।

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