फर्जी केसीसी लोन घोटाले में गले से डूबे प्रशासक अग्रवाल को जे.आर. ने सौंपी जांच।

कलेक्टर के निर्देशन में संयुक्त जांच अधिकारी आईएएस ने गांव पहुंचकर लिए लिखित कथन
विनोद कुमार जैन

बक्सवाहा/बम्होरी :- सहकारी बैंक शाखा बक्सवाहा के अंतर्गत आने वाली सेवा सहकारी समिति बम्होरी में हुए करोड़ों के उधोग के नाम पर हुए केसीसी घोटाले की जांच करने कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देशन में आज गुरुवार को संयुक्त टीमें आदिवासियों के गांव मझगुवा बदन पहुंची, जहां ग्राम आलमपुर के शिकायतकर्ताओं को भी बुला लिया। संयुक्त जांच जांच दल में सहकारी बैंक छतरपुर से देवेंद्र सिंह सोलंकी, प्रमोद तिवारी शामिल रहे, तो वहीं कलेक्टोरेट कार्यालय से आईएएस कार्तिकेय जायसवाल शामिल रहे। दोनो टीमों द्वारा शिकायतकर्ता आदिवासियों के कथन लिए गए।

कथन में कुसुम रानी, अवध रानी, सरमन, हरिशंकर, प्रह्लाद सिंह, भरत, सुरजरानी, भारती, नन्हेलाल, काशीराम,देवी,बब्लू, बृजेश ने बताया की समिति प्रबंधक अरविंद व्यास और शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी ने अपने दलाल, लाखन सिंह लोधी आलमपुर, पुष्पेंद्र सिंह लोधी,आलमपुर, रामेश्वर मिश्रा, मझगुबा वदन, केशू राजा, जेतुपुरा के मध्यम से उद्योग लोन दिलाने का लालच दिया और हमारा खाता बैंकों में खुलवाया और चैक बुक जारी कर कुछ चैकों में दस्तखत,अंगूठा लगवाकर अपने पास रख ली। आदिवासियों ने संयुक्त जांच के सामने दलालों के नाम लिए और कहा कि सबसे ज्यादा भ्रष्ट रविशंकर गोस्वामी और अरविंद व्यास है। हमारे खाते में कितना पैसा आया और कितना निकाला गया। यह पासबुक की एंट्री कराने के बाद पता चला। जिसके बाद हम लोगों ने शपथ पत्र देकर इसकी शिकायत की थी। मझगुवा बदन और आलमपुर गांव में और भी ऐसे 40% लोग हैं। जिन्होंने दलालों के दर से एफिडेविट नहीं दिए और ना ही शिकायत कर रहे हैं। फर्जी केसीसी लोन घोटाले की अगर विस्तार से जांच हो जाए, तो इसमें चौंकाने वाले सबूत सामने आएंगे।
सेवा सहकारी बैंक शाखा बक्सवाहा में शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी और बम्होरी समिति प्रबंधक अरविंद व्यास द्वारा उधोग के नाम पर बिना जमीन के फर्जी केसीसी का करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया। इन दोनो के द्वारा यह भ्रष्टाचार सालों से हो रहा था। लेकिन बड़ी मुस्किल से आदिवासियों ने हिम्मत जुटाई और लिखित में शिकायत की। जिसकी जांच कलेक्टर ने जांच कलेक्टर प्रोविजनल आईएएस कार्तिकेय जायसवाल को दी गई है।उनके जांच करने से अब शिकायतकर्ता आदिवासी परिवारों को न्याय की उम्मीद जग गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि हमारे ऊपर लगातार शिकायत को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन हमे साहब ने आश्वासन दिया है, कि आपके साथ न्याय किया जाएगा और पुलिस सुरक्षा भी दी जाएगी। आपको बता दे की इससे पूर्व कार्तिकेय जायसवाल जनपद सीईओ के पद पर भी कार्यरत रहे हैं उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत सामने नहीं आई। कार्तिकेय जायसवाल एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।

जिसके कार्यकाल में हुआ भ्रष्टाचार उसी को दे दी जे.आर. ने जांच, कहां तक जांच सही होगी –

सेवा सहकारी बैंक शाखा बक्सवाहा में लंबे समय से घोटाले का यह खेल चल रहा है जिसमें सभी का हिस्सा बराबर का बांटा जा रहा था। जिस वक्त इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था। उस समय प्रशासक नमामि शंकर अग्रवाल और श्याम सिंह थे। वह भी इस केसीसी घोटाले में शामिल थे। ताज्जुब की बात निकल कर सामने आई है। संयुक्त पंजीयक डॉ शिवेंद्र पांडे सागर के द्वारा उन्हें इस घोटाले का जांच अधिकारी बना दिया गया है। अब सवाल यह उठता है है कि जिसके प्रशासन रहते हुए केसीसी घोटाला हुआ, जो खुद इस घोटाले में शामिल रहा हो।अब वह खुद अपनी ही जांच करेंगे।

करोड़ों के भ्रष्टाचार में लिप्त अरविंद व्यास निलंबन के बाद भी नहीं सौंप रहे दूसरे को चार्ज

बक्सवाहा शाखा प्रबंधक रविशंकर गोस्वामी और बम्होरी समिति प्रबंधक अरविंद व्यास द्वारा करीब 2 साल में करोड़ों के उद्योगों के नाम पर फर्जी केसीसी लोन घोटाला किया गया। बीते लगभग 20 दिन पहले बिजावर एसडीएम के प्रतिवेदन पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला कोऑपरेटिव बैंक छतरपुर द्वारा बम्होरी समिति प्रबंधक को निलंबित कर प्रहलाद सिंह परिहार को चार्ज सौंपने का आदेश किया गया था। लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अरविंद व्यास द्वारा चार्ज नहीं दिया गया। रविशंकर गोस्वामी द्वारा आज दिनांक तक प्रहलाद सिंह परिहार को चार्ज नहीं दिलाया गया। बीते दिनों जिला कोऑपरेटिव बैंक का जांच दल आया था। जब उन्हें पता चला कि अरविंद व्यास निलंबन के बाद भी दूसरे को चार्ज नहीं सौंप रहा है, तो उन्होंने भी मौके पर अरविंद व्यास को बुरी तरीका से लताड़ा था। और छतरपुर बैंक महाप्रबंधक को बताया था उसके बाद भी बैंक महाप्रबंधक सुरेश कुमार रावत चार्ज पहलाद सिंह परिहार को आज दिनांक तक नहीं दिला पाए। रविशंकर गोस्वामी शाखा प्रबंधक बक्सवाहा को यह डर सता रहा है कि अगर अरविंद व्यास ने चार्ज दूसरे को सौंप दिया, तो और भी करोड़ों के फर्जी लोन जो स्वीकृत किए थे उनकी भी परते खुला शुरू हो जाएंगे।
इनका कहना है –

कलेक्टर के निर्देशन में आदिवासियों के गांव गया था और आज गांव के लोगों के लिखित कथन लिए गए। आदिवासियों को आश्वासन दिया गया कि जिन लोगों ने फर्जी घोटाला किया है, उन्हें बहुत जल्द सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इन भ्रष्टाचारियों को किसी कीमत पर नहीं बक्शा जायेगा। अगर इन लोगों के दलाल गांव में आकर आप लोगों को धमकी देते हैं, तो आपको पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी। डरने की आप लोगों को कोई बात नहीं।

कार्तिकेय जायसवाल, आईएएस
जांच अधिकारी, कलेक्ट्रेट छतरपुर

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