जैन संत की हुई संलेखना,भक्तों का बड़ा सैलाब

विनोद कुमार जैन 

बक्सवाहा- जैन सिद्ध क्षेत्र नैनागिर (रेशंदीगिरी) में पंचकल्याणक महामहोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है 4 दिसंबर को घट यात्रा कार्यक्रम विधि विधान के साथ संपन्न हुआ रात में इंद्रसभा का आयोजन भी किया गया संपूर्ण पंचकल्याणक में सानिध्य प्रख्यात जैन संत आचार्य विराग सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है जिसमें आज पांच दिसंबर की सुबह आचार्य संघ के एक मुनि विश्ववीर सागर महाराज की संलेखना हो गई ! सुबह करीब 9 बजे संलेखना (समाधि ) महोत्सव बेला की क्रिया संपन्न हुई जिसमें क्षेत्रीय जैन समाज की भूमिका रही !

मुनि विश्व वीर सागर का जीवन परिचय
मुनि विश्व वीर सागर का पुराना नाम रमेश चंद्र जैन था उनकी शिक्षा बी ए फाइनल ईयर के साथ वह बैंक में सरकारी नौकरी में पदस्थ थे ,वह हटा दमोह के रहने वाले थे ! ब्रह्मचर्यव्रत और मुनिदीक्षा दोनों भिंड में 1997 – 98 में प्राप्त हुई ! उनके गुरु गढाचार्य विराग सागर महाराज ने उनको विश्व वीर सागर नाम दिया , तमाम जैन शास्त्रों का उन्होंने अध्ययन किया ! 25 वर्ष की साधना के पश्चात मुनि विश्व वीर सागर महाराज की संलेखना नैनागिर सिद्ध क्षेत्र पर 2023 में हुई !

पंचकल्याणक के शुभ अवसर पर मुनि विश्व वीर सागर के जीवन का कल्याण हो गया - राष्ट्रसंत गढाचार्य विरागसागर महाराज

मुनि विश्व वीर सागर महाराज की समाधि में राष्ट्रसंत गढाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि बहुत ही हर्ष का विषय है कि पंचकल्याणक के शुभ अवसर पर मुनि विश्व वीर सागर महाराज के जीवन का कल्याण हुआ है ! 32 पिच्छी के सानिध्य में यह संलेखना नैनागिर में हुई है और पूज्य गुरुदेव के नेतृत्व में १४२ वीं संलेखना थी चारों प्रकार की आहारों का त्याग कर निर्विघ्यन संलेंखना संपन्न हुई !

मुनिश्री की संलेखना में पूज्य गुरुदेव गढाचार्य विराग सागर जी महाराज ससंघ ,क्षेत्रीय जैन समाज सहित नैनागिर कमेटी के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही !