निर्जन सीमा क्षेत्रों में राष्ट्रप्रेमी नागरिकों को बसाये सरकार : लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी

निर्जन सीमा क्षेत्रों में राष्ट्रप्रेमी नागरिकों को बसाये सरकार : लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी


गुरुग्राम। परिवार व प्रदेश की सुरक्षा व्यक्ति, समाज से तथा इससे आगे देश की सुरक्षा बॉर्डर पर मौजूद जीवंत गांवों की बसावट से भी जुड़ीं हुईं है। देश की सीमाओं की सुरक्षा कवच के रूप में सीमावर्ती गांवों में रहने वाले सजग नागरिक हैं, जो बॉर्डर पर होने वाली किसी भी असामान्य गतिविधियों पर नजऱ रखते हैं और जरूरी सूचनाएं सुरक्षा एजेंसियों व सेना को देते हैं। यह बात लेफ्टिनेंट जनरल (रिटार्यड) विष्णुकांत चतुर्वेदी ने यहां गुरुग्राम विश्वविद्यालय में शनिवार देर शाम सीमा जागरण मंच के जीवंत गांव सीमा सुरक्षा में क्रांति विषयक व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर कही। मौके पर राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुति का भी श्रोताओं ने आत्मसात किया। समारोह की अध्यक्षता हरियाणा बीजेपी उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने की। समारोह का उद्घाटन गुरुग्राम विवि के मीडिया स्टडी के डीन प्रो. राकेश जोगी ने जबकि मंच का संचालन सीमा जागरण मंच के गुरुग्राम विभाग के सह-संयोजक अवधेश कुमार सिंह ने की। लेफ्टि. जनरल चतुर्वेदी ने व्याख्यान के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सीमा पर मौजूद गांवों की जीवंतता यानी वहां रह रहे नागरिकों की क्षमता सुरक्षा की गारंटी है।  जीएल शर्मा ने जनरल चतुर्वेदी के विचारों से स्वयं को जोड़ते हुए कहा कि इस संबंध में हमारी सरकार राष्ट्र प्रहरी के तौर पर हर एक उपाय कर रही है जिससे हमारी सीमाएं सुरक्षित रहें और सीमावर्ती गांवों के निवासी सजग व संपन्न हों। उन्होंने मौके पर मौजूद विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि राष्ट्र की संबलता सबल नागरिकों से है और आप देश के भविष्य हैं। आप अलग-अलग विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन आपको यह समझना होगा आर्थिक तौर पर मजबूती का आधार सिर्फ नौकरी नहीं है बल्कि पेशा भी है। व्याख्यान में दिल्ली प्रदेश के सीमा जागरण मंच के युवा प्रमुख दिल्ली विवि के विधि विभाग के प्रोफेसर नरेंद्र कुमार विश्नोई ने विषय के उद्श्यों को रखा। धन्यवाद ज्ञापन मंच के संयोजक विजय प्रजापति ने की। समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल एस. लांबा, कर्नल प्रदीप भल्ला, कर्नल शेर सिंह यादव, गिरीराज शर्मा, विकास सिंह चंदेल, रामचंद्र सिंह, डॉ. रश्मि अग्रवाल, प्रो. अमित सिंह, इंजीनियर रवि सिंह, प्रदीप कुमार और बड़ी संख्या में गुरुग्राम विवि व दिल्ली विवि के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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