बक्सवाहा भारतीय स्टेट बैंक की लाचार व्यबस्था के कारण ग्रामीणों को हो रही है परेशानी ।

स्टेट बैंक शाखा बक्सवाहा मेे कामकाज को लेकर प्रवासी,ग्रामीण परेशान है।
विविध सरकारी योजनाओं को बैंक से तो जोड दिया लेकिन हर एक सरकारी योजना के लिए रोजाना के वाई सी जैसे काम के लिए बैंक कर्मी चार चार चक्कर लगवा रहे है

बैंक में रोजाना हजारों ग्राहक लेन देन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन बैंक में सुविधाएं नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। एसबीआई की बक्सवाहा शाखा में ग्राहकों के खड़े होने के लिए 5 गुणा 10 की जगह है।
जिससे हालात भैंस के तबैले जैसी हो गई है ग्राहकों को घण्टो बैंक मे मजबूरन समय बर्बाद करना पड़ता है।
इस छोटी सी जगह में रोजाना आसपास के करीब 100 गांव के हजारों लोग पहुंचते हैं। इस दौरान लोगों को बैंक में भुगतान, जमा व बैंक की अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए परेशानी होती है।
बैंकों में कैश लेनदेन, ट्रांजेक्शन व पासबुक एंट्री जैसे काम के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। आईटी व इन आधुनिक साधन, संसाधनों के नाम पर बैंककर्मी काम से कन्नी काट लेते हैं। ये सुविधाएं युवा, शिक्षक वर्ग और नियमित ग्राहकों के लिए हैं। कम शिक्षित, बुजुर्ग व कभी-कभी वाले ग्राहक इनका उपयोग नहीं कर पाते। साथ ही जो ग्राहक नए हैं उन्हें नियमों के बारे में बताया नहीं जा रहा। पहली बार आने वाले ग्राहक को इन मशीनों से लेनदेन, ट्रांजेक्शन आदि का प्रशिक्षण देना चाहिए लेकिन कर्मचारी ध्यान नहीं देते।
कई बार जल्दी जल्दी के चक्कर में धक्का मुकी तक की नौबत आ जाती है उसमें कभी कभी बैंक कर्मी भी उबल पडते है।
और तो और चार चार महीने तक
नये खाते नहीं खुलते है।

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