महिला दिवस विशेष : छत्तीसगढ़ का अनूठा गांव जहां महिलाओं के नाम से पहचाने जाते हैं पुरुष, प्रत्येक घर के सामने लगी महिलाओं की नाम की पट्टिका

संवाददाता, छत्तीसगढ़।

छत्तीसगढ़। अक्सर जब हम किसी के घर का पता पूछते है तो उस घर के बड़े, या किसी पुरुष के नाम से ही पूछते है कि इनका घर कहां है। लेकिन एक ऐसा गांव है जहां पते पर पुरुषों के नही बल्कि महिलाओं के नाम पर बताया जाता है। गांव के प्रत्येक घर में महिलाओं के नाम की पट्टिका लगी हुई है।

जो नारी शक्ति के साहस का सम्मान करती है।
समूचा विश्व आज महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं का सम्मान कर रहा है। उनके योगदान को याद कर रहा है।

ऐसे में द हांका छत्तीसगढ़ आपको एक अनोखे गांव की जानकारी दे रहा है जहां हर घर की मुखिया महिला है।

प्रत्येक घर में महिलाओं के नाम की ही पट्टिका लगी हुई है।
गांव का नाम है पतोरा।

जहां की पंचायत ने तय किया कि महिलाओं का सम्मान तभी होगा जब महिलाओं के हाथ में जिम्मेदारी होगी महिलाएं घर में वास्तविक मुखिया की भूमिका निभाती हैं। लेकिन घर को पुरुषों के नाम से जाना जाता है.

ग्राम पतोरा ने यह चलन बदला और इस गांव के हर घर में महिला मुखिया का नाम इंगित है।
पतोरा सम्भवतः देश का पहला गांव होगा, जहां की पंचायत ने घर के बाहर पुरुष की जगह महिला मुखिया के नाम लिखने की शुरुआत की है। अब इस पहल की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है।

पतोरा की जनसंख्या लगभग 3500 है यहां 840 मकान है।

Chhattisgarh: Unique village where men are known as women

पतोर सरपंच श्रीमती अंजीता साहू ने बताया कि हमने यह निर्णय लिया कि गांव के हर घर में महिला मुखिया का नाम घर के सामने लिखेंगे। स्वाभाविक रूप से इस कदम से महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी साथ ही इस महत्वपूर्ण निर्णय से अन्य गांव के लोग भी महिलाओं को सशक्तिकरण करने के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।

श्रीमती साहू ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए यह अहम है कि मुखिया की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाए क्योंकि घर के अहम निर्णय में अंतिम रूप से मुखिया की स्वीकृति होती है।

मुखिया के अनुमोदन के बाद ही घर के सारे निर्णय होते हैं स्वाभाविक रूप से पतोरा में जब यह निर्णय लिया गया है तो इसके परिणाम बहुत अच्छे होंगे और महिलाओं की शक्ति मजबूत होगी महिलाओं के हाथ मजबूत होने से स्वाभाविक रूप से परिवार भी मजबूत होगा और परिवार मजबूत होने से गांव मजबूत होगा।

गांव के पुरुष भी इस निर्णय से काफी खुश हैं उन्होंने बताया कि स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर ही परिवार का संचालन करते हैं और घर के अधिकतर निर्णय महिलाएं लेती हैं। घर के मुखिया के रूप में भी महिला को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए इस तरह से महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने की दिशा में यह मजबूत कदम होगा।

उल्लेखनीय है कि पतोरा गांव में ग्रामीणों के इस नवाचार को देखने गत वर्ष दिल्ली से टीम पहुंची थी। टीम ने इस नवाचार की प्रशंसा की और गांव के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण जनों की प्रशंसा की।

टीम के सदस्यों ने कहा कि यह पहल बहुत ही महत्वपूर्ण है और नारी सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर होगा।

दिल्ली की टीम से स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी आनंद शंकर के साथ अधिकारी पहुंचे थे। पतोरा गांव की पंचायत ने ऐसी पहल की है जो पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी।