विनोद कुमार जैन
हिंदू पंचाग के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई गई इस दिन भगवान परशुराम की पूजा का विशेष महत्व होता है। ब्राम्हण समाज ने हर्षोल्लास के साथ परशुराम भगवान का प्राकट्य उत्सव मनाया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।।

आज सुबह से ही पहले अवध बिहारी मंदिर में पंडितों में मंत्रो के साथ पूजन किया हवन किया उसके बाद भगवान परशुराम जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भगवान परशुराम का आशीर्वाद लिया मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। पुराण में उल्लेख है कि इस दिन युगादि तिथियों की गणना होती है सर्वप्रथम भगवान परशुराम चौक पर भगवान परशुराम की प्रतिमा पर पूजन अर्चन के साथ ही कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

रघुवीर श्रीधर ने संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज सदैव से सकल समाज का पथ प्रदर्शक रहा है। समाज को आगे भी इसी भूमिका का निर्वहन करना है।

भगवान परशुराम जी प्राकट्य उत्सव पर शोभायात्रा निकाली गई शोभायात्र का शुभारंभ अवध बिहारी मंदिर से हुआ अस्पताल चौराहा होते हुए महाकाली मंदिर बस स्टैंड बड़ा बाजार रामजनकी मंदिर बिहारी जी मंदिर होते हुए अवध बिहारी मंदिर में सम्मापन हुआ