संवाददाता :-बबलू चढ़ार
बड़ामलहरा के ग्राम लखनवां में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन शुक्रवार को श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ। श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन बालव्यास कथावाचक पं.श्री ऋषि गर्ग महाराज जी ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं।
जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यवान का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय कथा का श्रवण कराया गया।
बालव्यास कथावाचक पं.श्री ऋषि गर्ग महाराज जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।
भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई।
कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत रुप से कथा सुनाई।
इस शुभअवसर पर बड़ामलहरा जनपद पंचायत अध्यक्ष मा.कुं.राघव राजा परमार जी कथा में उपस्थित रहे और उन्होंने सभी धर्म प्रेमियों से कहा है कि सिर्फ कथा सुनने से कुछ नहीं होता हमारे भगवान घर पर हैं माता पिता अगर तुम माता-पिता सास ससुर के सेवा करोगे मेवा मिलेगा अगर आप कथा सुनने के लिए नहीं जा पाए तो आपके घर में चारों धाम बैठे हुए हैं माता पिता
उनकी सेवा करो कथा में प्रदेश अध्यक्ष बबलू चड़ार पं.श्री राहुल पाण्डेय श्री कन्हैयालाल चौबे श्री वीर सिंह परमार श्री प्रदीप नायक श्री श्यामलाल यादव श्री शतूघन तिवारी श्री कन्नू दीक्षित एवं समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे