\\विनोद जैन\\
बकस्वाहा/ पिछले कुछ दिनों से लगातार पूरे देश में जैन समुदाय के लोगो द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रर्दशन किया जा रहा है यह विरोध प्रदर्शन सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने जाने को लेकर हो रहा है आपको बता दे कि झारखंड राज्य में धनवाद से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सम्मेद शिखरजी (मधुवन)जो कि जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी में मदिरा मास के विक्रय और अन्य गतिविधियों पर रोक लगाते हुए धार्मिक क्षेत्र घोषित करने की मांग जैन समुदाय द्वारा की जा रही थी पर धार्मिक क्षेत्र की मांग को दरकिनार करते हुए झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है।

जिससे जैन समाज में आक्रोश व्याप्त है। जैन समाज अहिंसा पूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थान बनाने के निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहा है। विरोध के चलते बुधवार को बकस्वाहा नगर में जैन समाज ने अपने अपने प्रतिष्ठान को बंद करने का आह्वान किया है।

जिस के चलते आज बक्स्वाहा नगर में जैन समाज के संपूर्ण प्रतिष्ठान बंद रहे साथ ही अन्य समुदाय के लोगो ने भी जैन समुदाय के बंद का समर्थन करते हुए बड़ी संख्या में अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, वहीं सम्मेद शिखर जी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने के निर्णय के विरोध में मढदेवरा, हीरापुर,बाजना,बम्होरी, सुनवाहा समेत बकस्वाहा जैन समाज ने आज शांतिपूर्ण तरीके से विशाल रैली निकाली जो नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंची जहां हजारों की संख्या में एकत्र हुए जैन समुदाय के साथ साथ नगर के गणमान्य लोगो ने विरोध सभा में हिस्सा लिया साथ ही बकस्वाहा समेत क्षेत्रीय जैन समुदाय ने तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमे झारखण्ड सरकार द्वारा सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने के निर्णय को बापिस लेने की मांग की गई।

वीरेन्द्र जैन इनका कहना है
सम्मेद शिखर जी के कण कड़ मै हमारी सिरधा जुड़ी हुई है हमारी मान्यता के अनुसार हमारे तीर्थंकर ओर अनेको साधु संत यहाँ से मोक्च गए है शासन ने इस क्षेत्र पर्यटन स्थल घोषित कर के हमारी भावना से खिलवाड़ किया है।

समाज कज लोगो ने कहा कि इस महान क्षेत्र को हम पर्यटन स्थल नहीं बन्ने देंगे चाहे इसमें हमें कितनी भी बड़ी लड़ाई लड़नी पड़े ओर इसमें सभी समाज का भी हमें सहयोग मिल रहा है सभी मिलकर तीर्थ बचाओ की लड़ाई लड़ेंगे।