ठेकेदार नाबालिक बच्चो से  करा रहे है मजदूरी ठेकेदार ने कहा कि 3 दिन से काम है बंद           

तहसीलदार ने भी निरिक्षण पर शिकायत को पाया सही

विनोद कुमार जैन

बक्सवाहा/बकस्वाहा नगर के शासकीय आदिवासी सीनियर छात्रावास में बिल्डिंग मरम्मत का कार्य दस लाख की राशी से कराया जा  रहा है इस कार्य की जिम्मेदारी सूर्यांश कंट्रक्शन कंपनी सागर ने ली है। ठेकेदार संजय प्रजापति सागर के द्वारा कराया जा रहा है इस कार्य में कोटा स्टोन, बाउंड्री वाल, पेंटिंग, रेलिंग सहित रोड व अन्य कार्य शामिल है। लेकिन ठेकेदार मोटी रकम बचाने के चक्कर में घटिया एवं नाबालिक बच्चों से मजदूरी करा रहे है।     

                  

बच्चे कर रहे थे मजदूरी

  नगर के छात्राबास मे जो निर्माण कार्य चल रहा है उसमे बच्चो से मजदूरी का कार्य कराया जा रहा है  इस बात मौखिक जानकारी तहसीलदार बकस्वाहा को दी गयी। 

शिकायत के आधार पर कार्य  का जायजा लेने जब तहसीलदार श्यामाचरण चौबे निकले  और उन्होंने नगर में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया तो निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन और जिस सामाग्री का उपयोग किया जा रहा है उसकी गुणवत्ता ठीक नही पाई गयी।                              

   जिसको लेकर उन्होंने सख्त निर्देश दिए और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बहॉ मौजूद छात्रबास अधीक्षक से कहा। 

  निरिक्षण के दौरान आशीक प्रजापति ऊम्र तेरह साल और राम कुमार प्रजापति ऊम्र सत्तरह साल मजदूरी कर रहे थे। राम कुमार प्रजापति से जब पूछा गया तो उसने 275 रूपये मजदूरी मे काम करना स्वीकार किया और वही रेत की जगह डस्ट का प्रयोग किया जा रहा था।

बाल श्रम अपराध की श्रेणी

बाल प्रतिषेध अधिनियम 1986 के तहत बालक हुआ है जिसकी आयु 14 साल से कम है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (का)  मे 6 से 14 साल तक निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त है इसलिए बालक 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी नहीं करानी चाहिए यदि किसी विशेष परिस्थिति में बालक से काम लिया जाता है तो उसकी सूचना श्रम विभाग के अफसरों को दी जानी चाहिए।

3 दिन से काम है बंद      

  इस संबंध में ठेकेदार संजय प्रजापति का कहना है कि हमारे द्वारा अभी 3 दिन से कार्य नहीं कराया जा रहा है और वहां बच्चे कार्य कर रहे थे इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

वरिष्ठ अधिकारियों को कराएंगे अवगत

नगर में चल रहे निर्माण कार्यो मे  गुणवत्तापूर्ण मटेरियल का प्रयोग हो और कार्य की गुणवत्ता भी सही हो इसके लिये देखने आया था। छात्रबास के अधिक्षक के माध्यम से ठेकेदार को हिदायत दे दी गयी है                            वही नाबालिक बच्चों द्वारा कराए गए कार्य को लेकर उन्होंने कहा कि नाबालिक बच्चों से कार्य कराना अपराध है और इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।

कब होगी कार्यवाही

नगर के कई मुद्दों को बार-बार पत्राचार के माध्यम से उजागर किया जाता है लेकिन आज तक सिर्फ वह मुद्दे मुद्दे ही रह गए आखिर क्यों शासन के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती अब देखना यह है कि इस पर कार्यवाही होती है कि नहीं।

 

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