वरिष्ठ कवि,संपादक,विधेवेत्ता डॉ.संजीव कुमार का अभिनंदन

वरिष्ठ कवि,संपादक,विधेवेत्ता डॉ.संजीव कुमार का अभिनंदन।*

*साहित्यिक पुस्तकों का बनाया शतक।*

*डाॅ. संजीव  सहज भाषा, सम्प्रेषण और शैल्पिक सौष्ठव के धनी- चित्रा मुद्गल*

*डाॅ. संजीव गहरी संवेदना और मानवता के सशक्त पक्षधर-फारूक आफरीदी*

(दैनिक सक्सेस मीडिया जयपुर)
जयपुर। प्रतिष्ठित लेखिका चित्रा मुद्गल ने कहा कि डाॅ. संजीव कुमार के गद्य-प़द्य लेखन में कुछ ऐसी दृष्टि विशेष विन्यस्त है जो उन्हें संजीदगी से पढ़ने की मांग करती हैं। उनके पास अभिव्यक्ति की सहज भाषा,सम्प्रेषण और शैल्पिक सौष्ठव है।प्रबन्ध काव्य ‘माधवी‘ में स्त्री अस्मिता के प्रश्न को लेकर उसके आत्मसंघर्ष को डाॅ. संजीव कुमार ने पूरे मनोयोग से चित्रित किया है जो पाठक के संग साथ चलता है।
सुप्रसिद्ध उपन्यासकार ममता कालिया ने कहा कि रचनात्मक स्तर पर डाॅ. संजीव की प्रखरता निरंतर स्पष्ट हो रही है। विषयों की विविधता, प्रासंगिक, शोध और प्रांजल अभिव्यक्ति में वे विशेष हैं। उनकी ऊर्जा हम सबको स्फूर्ति देती है।
वे नई दिल्ली के मयूर विहार के होटल क्राउन प्लाजा में सुपरिचित कवि, लेखक, रचनाकार, प्रकाशक, विधिवेत्ता समाज सेवी और इन्डिया नेटबुक्स के महानिदेशक डॉ.संजीव कुमार की 100वीं पुस्तक ‘आज की मधुशाला’ के लोकार्पण पर उनके अभिनंदन समारोह में बोल रही थी।


व्यंग्य यात्रा, स्पन्दन संस्था, भोपाल-सिंगापुर संगम, सिंगापुर, वातायन (यू.के.) भारत दर्शन (न्यूजीलैण्ड), पाठक मंच, इक्कीसवीं शताब्दी के साहित्यकार, छत्तीसगढ़ मित्र एवं अनुस्वार अन्तर्राष्ट्रीय मंच द्वारा डाॅ. संजीव कुमार का गरिमामय सम्मान किया गया।
व्यंग्यकार,वरिष्ठ साहित्यकार, व्यंग्यकार और मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी ने कहा कि एक साहित्यकार अपनी रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति द्वारा समाज को प्रेरणा देता है। बहुआयामी प्रतिभा के धनी लेखक डॉ.संजीव कुमार ने अपनी साहित्य साधना से सौ पुस्तकें लिखी हैं जिनमें 60 से अधिक काव्य संग्रह हैं। वे गहरी संवेदना वाले कवि, मानवता के पक्षधर और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाले व्यक्ति हैं। उनकी बहु आयामी रचनात्मक उपलब्धियों के साथ मानवीय संवेदनाओं का जो चेहरा उभरता है वह श्लाघनीय है।
समारोह में भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी प्रख्यात पत्रकार और भाषाविद राहुल देव, डाॅ. कैलाश वाजपेयी, डॉ. प्रेम जनमेजय, हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष संजीव निगम, राजेन्द्र निगम, प्रताप सहगल, शशि सहगल, ममता किरण, सुभाष चंदर, रायपुर से गिरीश पंकज, जबलपुर से रमेश सैनी, हरीश पाठक, दिलीप तेतरबे, पंचकुला से श्याम सखा श्याम, हिसार से कमलेश भारतीय, जोधपुर से हरि प्रकाश राठी, रणविजय राव, राकेश पाण्डे, बलराम अग्रवाल,नीरज मित्तल (भावना प्रकाशन) हल्द्वानी से सौम्या दुआ आदि लेखकों, संस्कृतिकर्मी, पत्रकार और प्रबुद्धजन ने डाॅ. संजीव कुमार की रचनाधर्मिता की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लालित्य ललित और डॉ.राजेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर इंडिया नेटबुक्स परिवार के डॉ. संजीव कुमार, डॉ.मनोरमा और कामिनी मिश्रा आदि ने देश और विदेश से आए प्रतिष्ठित साहित्यकारों का शॉल ओढ़ाकर और पुस्तकें भेंट कर स्वागत किया गया।