24 बेड का 24 घंटे का आयुर्वेदिक अस्पताल दोपहर में हो जाता है बंद

Bureau Report

चिकित्सक और मुख्य चिकित्सक की लापरवाही से पूरे जिले के आयुर्वेदिक यूनानी अस्पताल दुर्दशा के शिकार

कौशाम्बी मरीजों को सस्ता इलाज उपलब्ध कराने के लिए सरकार अस्पताल के संचालन में करोड़ों की रकम खर्च कर रही है लेकिन अस्पताल संचालन का जिन्हें सरकार ने जिम्मा दिया है वह ड्यूटी से भाग जाते हैं जिससे मरीजों को सरकारी मंशा के अनुसार सस्ता इलाज नहीं मिल पाता है और मजबूर होकर निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए मरीज को पहुंचना पड़ रहा है जहां अकुशल अनट्रेंड चिकित्सकों द्वारा इलाज के नाम पर ठेके लिए जाते हैं और मरीज को लूट लिया जाता है

जिले के सरकारी एलोपैथी अस्पताल में चिकित्सकों की उपस्थिति तो बेहद खराब है लेकिन आयुर्वेदिक यूनानी अस्पताल में भी चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति खराब हो चुकी है जिला प्रशासन से लेकर मंडल प्रशासन अस्पतालों की चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं ताजा मामला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल भेलखा का है

मरीजों को इलाज देने के उद्देश्य से सरकार ने करोड़ों की लागत से मंझनपुर नगर पालिका क्षेत्र के भेलखा में सरकारी आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल का भवन बनाया था इस अस्पताल में 24 बेड लगाए गए हैं जहां मरीजों को भर्ती किए जाने की सुविधाएं दी गई हैं लेकिन अस्पताल की दुर्दशा का आलम यह है कि सुबह कुछ घंटे अस्पताल खोलने के बाद अस्पताल को बंद कर फार्मासिस्ट और वार्ड ब्याय भाग जाते हैं चिकित्सक महीनों बाद भी अस्पताल में नहीं आते हैं जिससे मरीजों को आयुर्वेदिक एवं यूनानी तरीके से इलाज नहीं मिल पाता है मामूली मर्ज की दवा देकर वार्ड ब्याय मरीजों को वापस कर देते हैं

आयुर्वेदिक अस्पताल की व्यवस्था संभालने के लिए जिले में मुख्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की तैनाती की गई है लेकिन आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल की चौपट व्यवस्था को वह दुरुस्त नहीं कर पा रही है पूरे जिले के आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल की व्यवस्था चौपट हो चुकी है क्षेत्र की जनता ने आयुर्वेदिक अस्पताल भेलखा की चौपट व्यवस्था के साथ-साथ पूरे जिले के आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल की चौपट व्यवस्था की ओर उत्तर प्रदेश शासन का ध्यान कराते हुए लापरवाह चिकित्सकों स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्यवाही की मांग के साथ-साथ आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल की व्यवस्था सुधारे जाने की मांग की है

नहीं चलता योगा क्लास

कौशांबी आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल में मरीजों को योगा क्लास के माध्यम से स्वस्थ रहने की विद्या सिखाई जाने का नियम है इसके लिए योगा प्रशिक्षक और योगा सहायक की तैनाती कर लाखों का वेतन दिया जा रहा है लेकिन अस्पताल में योगा सहायक और योगा प्रशिक्षक आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल में मौजूद नहीं मिलते हैं जिससे मरीज और गांव क्षेत्र के लोगों को योगा का प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है सूत्र बताते हैं कि फर्जी अभिलेखों के सहारे योगा प्रशिक्षकों और योगा सहायकों की नियुक्ति आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पतालों में की गई है जो बड़ी जांच का विषय है इस संबंध में आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल के मुख्य चिकित्सक से बात करने का प्रयास किया गया फोन ना उठाने से बात नहीं हो सकी है