आलापुर पुलिस द्वारा नहीं की जाती है पीड़ित की सुनवाई

जांच निरीक्षक द्वारा विपक्षी से मिलकर शिकायत करता पर ही बनाया जाता है दबाव, लगा दी जाती है गलत रिपोर्ट

निरीक्षक उस्मान गनी खान के भय से थाने में शिकायत दर्ज कराने से डरते हैं लोग, कैसे मिलेगा न्याय

निरीक्षक उस्मान गनी खान के कार्य शैली से जनमानस आहत, पीड़ित को नहीं मिलता न्याय

निराला साहित्य समाचार पत्र पर फर्जी व अशोभनीय टिप्पणी करने वाले की मदद करने में लगी रही आलापुर पुलिस

आलापुर पुलिस द्वारा सरकार की न्याय दिलाने की मंशा पर फेरा जा रहा है पानी

अम्बेडकर नगर, थाना आला पुर क्षेत्र के ग्राम रूढ़ी, अम्बेडकर नगर से प्रकाशित निराला साहित्य समाचार पत्र को फर्जी व समाचार पत्र से जुड़े लोगों के प्रति सोशल मीडिया ह्वाटसाप ग्रुप पर अशोभनीय व फर्जी होने की टिप्पणी की गई थी। जिसकी साक्ष्यों सहित लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र थाना कोतवाली आलापुर में 13 सितंबर 2024 को समाचार पत्र के संस्थापक राम चन्दर मौर्य द्वारा दिया गया था। शिकायत पर कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में समाचार पत्र के संस्थापक द्वारा पुनः 16 सितंबर को जन सुनवाई पोर्टल पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई।

समाचार पत्र व जुड़े लोगों के प्रति फर्जी अशोभनीय टिप्पणी करने से सम्बंधित शिकायत के सम्बन्ध में जब जांच कर रहे निरीक्षक उस्मान गनी खान से थाने में संस्थापक द्वारा सम्पर्क करने पर निरीक्षक द्वारा फर्जी , अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी करने वाले विपक्षी की ही पैरवी की जाती रही। पीड़ित शिकायत कर्ता संस्थापक के ऊपर ही निरीक्षक द्वारा दबाव बनाया जाने लगा, समान्य रुप से अपनी बात को कह रहे संस्थापक कों डांटते हुए निरीक्षक द्वारा कहा गया ऊंची आवाज में बात न करो। अपनी आवाज नीची करों। निरीक्षक उस्मान गनी खान द्वारा पीड़ित शिकायत कर्ता संस्थापक के चेहरे को घूरते हुए आंखें बड़ी-बड़ी कर संस्थापक कों डांटने फटकारने व दबाव बनाने का काम किया जाता रहा। निरीक्षक द्वारा विपक्षी से मिलकर उसकी पैरवी में यहां तक कहा गया कि गोली तो नहीं मारी है तुम्हें, वहीं निरीक्षक द्वारा विपक्षी फर्जी अशोभनीय टिप्पणी करने वाले से मिलकर उसका पक्ष लेते हुए फर्जी रूप से जनसुनवाई पोर्टल पर आरोप सिद्ध नहीं होने की रिपोर्ट लगा कर समाचार पत्र व जुड़े लोगों के प्रति फर्जी अशोभनीय टिप्पणी करने वाले को भरसक बचाने का प्रयास किया जाता रहा। संस्थापक ने लगाई गई गलत आख्या पर असहमति दर्ज कराई है। तथा पुनः निष्पक्ष जांच करवाएं जाने की मांग किया है। न्याय न मिलने की दशा में संस्थापक द्वारा पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से भी लिखित शिकायत की जाएगी। शिकायत कर्ता संस्थापक ने बताया कि जब पढ़ें लिखे जागरूक व्यक्ति समाचार पत्र के संस्थापक के साथ ऐसा व्यवहार आलापुर पुलिस द्वारा किया जा रहा है, तो खुद अन्दाजा लगाया जा सकता है कि आलापुर पुलिस आम जनमानस के साथ कैसा व्यवहार करतीं होगी। आलापुर पुलिस की कार्यशैली से न्याय मिलना तो दूर पीड़ित शिकायत कर्ता थाने में शिकायत करने से डरते हैं। इस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार की पीड़ितों को न्याय दिलाने की मंशा पर आलापुर पुलिस द्वारा पानी फेरने का काम व उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को भी खराब करने का काम किया जा रहा है। संस्थापक ने कहा कि निरीक्षक द्वारा पीड़ित शिकायत कर्ता के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाता है। निरीक्षक द्वारा पीड़ित शिकायत कर्ता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से ऐसे जिरह की जाती है कि शायद अपराधियों के साथ भी वैसा व्यवहार न्यायालय में भी नहीं किया जाता होगा।