द कश्मीर फाइल्स फिल्म छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वर्णकार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजू महंत ने समर्थकों के साथ मुकुदस सिनेमा घर चांपा में देखा

मंदिर, 370-धारा ,वतन की रक्षा,माटी के प्रति कर्तव्य, सांप्रदायिक सद्भाव जैसें ज्वलंत विषयों पर बनी यह फ़िल्म आने वाले समय में सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी – कार्तिकेश्वर स्वर्णकार
चांपा, 14 मार्च। द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म कास्ट- मिथुन चक्रवर्ती,अनुपम खेर,पुनीत इस्सर,पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार,मुणाल कुलकर्णी , चिन्मय मण्डेलेकर,प्रकाश बेलवाड़ी और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री के मार्गदर्शन में बनी इस हिंदी फिल्म का पब्लिक रिव्यू शहर के सिनेमाघर मुकुंद्स मल्टीप्लेक्स , चांपा में साथियों कार्तिकेश्वर स्वर्णकार ,राजू महंत, कमल देवांगन, शशिभूषण सोनी, नरेन्द्र ताम्रकार,राजेश थवाणी,राजा देवांगन, उमाशंकर श्रीवास, अनिल खेतान ,संजय लक्षवाणी, गौतम यादव, राकेश साहू,अनंत सिंह,जोगिन्दर सिंह, राजेश सोनी , महेन्द्र देवांगन , खूबचंद देवांगन, मोहनिश चंदाणी, गिरधर बानी, राजेश बंसल, भवानी गुप्ता , पत्तेचंद् देवांगन, रजनी देवांगन, शशिप्रभा सोनी संतोषी सराब, अमर महंत, शिव देवांगन,लक्ष्मी पटेल,विक्रांत बघेल, देव देवांगन, शिशुपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में मित्रों के साथ देखने को अवसर मिला।

यह फिल्म कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार का फाइल्स यानि कि दस्तावेज हैं। देश-विदेश में विस्थापित हजारों कश्मीरी पंडितों के इंटरव्यू रिकार्ड किया गया हैं और महिनों तक छानबीन करते हुए इस कहानी को रुपहलें पर्दे पर सच्चाई को पूरी तरह बेनकाब किया गया हैं । वाहियात फ़िल्म बनाने वाले अनुपमा चोपड़ा के पति विधु विनोद चोपड़ा जो स्वयं कश्मीरी हिंदू हैं, ने इस फ़िल्म बनाई हैं । वे इस फ़िल्म के माध्यम से हिन्दुस्तान में रह रहे हिन्दुस्तानियों को अपने मातृभूमि के लिए कैसी कीमत चुकानी पड़ती हैं और विपरीत परिस्थितियों में अपनी ज़मीन घर-बार , व्यापार-व्यवसाय , अच्छी-खासी नौकरी,आदि सब कुछ छोड़कर बहन बेटियों की इज्ज़त बचाने के लिए छोड़ना पड़ा दिखलाया गया हैं। इस संबंध में चर्चा करते हुए उर्जावान कार्तिकेश्वर स्वर्णकार ने बताया कि कश्मीर में हिन्दुओं के साथ जो कुछ भी कत्लेआम हुआ उसकी सच्चाई का वास्तविक पर्दाफाश हैं यह फिल्म’ द कश्मीर फाइल्स।
इस फिल्म में मंदिर धारा 370 और सांप्रदायिक सद्भाव बनाने वास्तविक स्थिति को उजागर करने के उद्देश्य से इस फिल्म को बनाया गया हैं। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के खिलाफ कुछ लोगों ने डिस्ट्रीब्यूटर और सिनेमाघरों को इस फिल्म द कश्मीर फाइल्स को ना दिखाने की अभी भी धमकी लगातार दे रहें हैं । इसी के डर से अधिकांश सिनेमाघर बालीवुड की इस हिन्दुत्व वाली फिल्म को नहीं दिखा रहे हैं , लेकिन दर्शकों के अनुरोध पर सिनेमाघर राजी हुए ।

गौरतलब हैं कि 750 – सिनेमा घरों ने कान्टैक्ट के तहत् अनुबंध किया था । अब तक मात्र 137 सिनेमा घरों में दिखाया जा रहा हैं ।आज मेरे अनुरोध पर मित्रों के साथ द कश्मीर फाइल्स देखने का मौका मिला। शशिभूषण सोनी ने कहा कि इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों को कितनी पीड़ा को दर्शाया गया हैं , बहुत भयावह रुह कांप जाने वाला दृश्य छोटे-छोटे मासूम बच्चे और माताएं बहनों को भी नहीं बख्शा गया,अब हर हिन्दुस्तानी को इस फिल्म को जरुर देखना चाहिए ।
निर्देशक 32 -साल बाद बेघर अनाथ हो गए हिन्दूओं के दर्द को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का एक सद प्रयास हैं । इस संबंध में डायरेक्टर स्वयं कहते हैं कि भूल जाओं कि कश्मीरी गधे हैं, जवाब का ढंग मिल जाएगा । वाह विवेक अग्निहोत्री की हिम्मत और साफगोई को नमन और हृदय से धन्यवाद हैं । खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष रहें कमललाल देवांगन ने इसे छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारतवर्ष में टैक्स फ्री करने की मांग की हैं कश्मीरी पंडितों के दर्द को सामने लाने के लिए प्रोडयूसर, डायरेक्टर फिल्मकार और कार्तिकेश्वर स्वर्णकार बधाई के पात्र हैं ।

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