नगर बकस्वाहा में लगातार 7 वर्षों से एक शाम शहीदों के नाम कैंडल मार्च युवा आशिक मंसूरी के नेतृत्व में।

बक्सवाहा में लगातार 7 वर्षों से एक शाम शहीदों के नाम कैंडल मार्च का निकाला जाता है देश के वीर सपूतों को याद किया जाता है जिनकी वजह से जिनकी बदौलत जिनकी कुर्बानियों से आज हमारे भारत को आजादी मिली है उसी के उपलक्ष में बक्सवाहा बस स्टैंड टीन सेट से पैदल चलकर शहीद स्तंभ कन्या हाई स्कूल तक शहीद स्तंभ के समक्ष सभी युवा कैंडल जलाकर वीर सपूतों को याद करते हैं और खिराजे अकीदत श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और देश के महान सपूतों को याद करते हैं सभी युवा जिनकी कुर्बानी की वजह से आज हम स्वतंत्र सांस ले पा रहे हैं हिंदुस्तान की मिट्टी में आज भी इनकी कुर्बानियां शामिल हैं इस बात को बुलाया नहीं जा सकता जो वर्तमान में जिस आजादी में हम जी रहे हैं।
युवा आशिक मंसूरी ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस आजादी के लिए हजारों मांओ ने अपने बेटों को खोया है हजारों पत्नियों ने अपने पतियों को खोया है हजारों बहनों ने अपने भाइयों को खोया है तब जाकर हमारे मुल्क हिंदुस्तान को आजादी मिली है इसलिए हमें अपनी पीढ़ियों के लिए देश के प्रति समर्पित की भावना उत्पन्न करनी होगी और देश को एक नई और ले जाना होगा तभी सही मायने में आजादी हमारे लिए रहेगी जागरूकता फैलानी पड़ेगी
नई नस्लों के लिए देश के प्रति समर्पित भाईचारा एकता का पाठ बहुत जरूरी है
इस कैंडल मार्च कार्यक्रम में मौजूद रहे आशिक मंसूरी बकस्वाहा,इंजी उमेश वर्मा, भगवानदास आठया, कोमल लोधी, नरेंद्र जिमीदार, शुभम लोधी,मनीष लोधी अमर सोनी,गोविंद यादव,बृजेश बंसल,अंकित लोधी,शिवचरण अहिरवार,नरेंद्र यादव,इंजी,अंकित सैनी,भैयालाल आठया,गोविंद साहू,बबलू अहिरवार,नर्रू बरार, राज्जन बंसल, कैलाश बंशल,मोनू बंशल,आशीष बंशल,आदि युवा रहे मौजूद।