स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में किया विद्यार्थी केन्द्रित अनेक पहलों का उद्घाटन

वाराणसी, 78वां स्वतंत्रता दिवस काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अनेक नई शुरुआत लेकर आया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विद्यार्थी केन्द्रित कई नई पहलों का उद्घाटन किया, जिनसे विद्यार्थियों को सीधे लाभ पंहुचेगा। प्रो. जैन ने महिला महाविद्यालय में साईबर हट की औपचारिक शुरुआत की, जिसका फीता छात्राओं ने ही काटा। साईबर हट महिला महाविद्यालय में छात्रा सशक्तिकरण की मिसाल के रूप में स्थापित होगा, जहां वे तकनीकी साक्षरता की ओर कदम बढ़ाएंगी। कुलपति जी का छात्राओं को तकनीकी ज्ञान से लैस करने पर विशेष ज़ोर है। इस सुविधा में 30 से अधिक कम्प्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं, जिनमें उच्च गति LAN कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। यह सुविधा छात्राओं को मौजूदा दौर के अनुरूप अपने डिजिटल कौशल में वृद्धि तथा आधुनिक तकनीकों से अवगत होने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे पेशेवर व करियर संबंधी आवश्यकताओं के मुताबिक स्वयं को तैयार कर पाएंगी।

कुलपति जी ने महिला महाविद्यालय के लिए एक समर्पित परामर्श प्रकोष्ठ का भी उद्घाटन किया। छात्राओं के चौमुखी विकास व कल्याण के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के मद्देनज़र यह प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। दो सर्वपल्ली राधाकृष्णन फेलो सुश्री पलक मिश्रा तथा सुश्री आंचल सेठ बतौर काउंसलर इस प्रकोष्ठ में छात्राओं को अपनी परामर्श सेवाएं देंगी। काउंसलर परिवर्तन के वाहक के रूप में सकारात्मक वातावरण तैयार करने हेतु रचनात्मक विधियां अपनाएंगी एवं छात्राओं के साथ संवाद व संपर्क स्थापित करेंगी।

इस अवसर पर शिक्षकों के साथ संवाद के दौरान कुलपति जी ने कहा कि महिला महाविद्यालय में अपार क्षमता व प्रतिभा हैं और ये विश्वविद्यालय के किसी भी अन्य संस्थान एवं संकाय से किसी भी तरह से कम नहीं है। उन्होंने कॉलेज को और सशक्त करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की, फिर चाहे वह वित्तीय आवंटन में वृद्धि हो अथवा निर्णय लेने में महाविद्यालय की भूमिका को अधिक महत्व देना हो। प्रो. जैन ने कहा कि स्टाफ, शिक्षकों की कमी, संसाधनों की आवश्यकता तथा अन्य विषयों पर महिला महाविद्यालय की आवश्यकताओं से विश्वविद्यालय प्रशासन अवगत है, तथा इन्हे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन का सबसे सही स्थान महिला महाविद्यालय ही है क्योंकि यहां एक ही स्थान पर विविध विषयों की विशेषज्ञता उपलब्ध है। कुलपति जी ने विद्यार्थी कल्याण तथा अन्य पहलों को प्रभावी ढंग से एवं सफलता पूर्वक कार्यान्वित करने में महिला महाविद्यालय की छात्राओं, शिक्षकों तथा प्रशासन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं तथा कैंपस वातावरण देने के लिए धन को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा।

महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रीता सिंह ने कहा कि कुलपति जी ने नेतृत्व में महाविद्यालय अनेक नए अध्याय लिख रहा है, जो छात्राओं व शिक्षकों की उन्नति में सहायक साबित हो रहे हैं।

लाइब्रेरी का विस्तारः कुलपति जी ने केन्द्रीय पुस्तकालय के विस्तार को भी आज विद्यार्थियों को समर्पित किया। इस विस्तार से केन्द्रीय ग्रंथालय में विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु 600 अतिरिक्त सीटों का इज़ाफा हुआ है। कुलपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थान व संसाधनों के सही इस्तेमाल पर विश्वविद्यालय प्रशासन का विशेष ज़ोर है और लाइब्रेरी के अध्ययन हॉल का विस्तार इसका एक उत्तम उदाहरण है कि कैसे संसाधनों के सही उपयोग से हम विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का भरपूर प्रयोग करें तथा उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हों।

पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह ने केन्द्रीय ग्रंथालय के उन्नयन व विकास के लिए निरन्तर सहयोग उपलब्ध कराने के लिए कुलपति जी के प्रति धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि प्रो. जैन के नेतृत्व में केन्द्रीय ग्रंथालय को अभूतपूर्व सहयोग, वित्तीय मदद व संसाधन प्राप्त हुए हैं, जिनसे पुस्तकालय को पाठक अनुकूल बनाना संभव हो पाया है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी पुस्तकालय के आधुनिकीकरण के लिए कुलपति जी के प्रति आभार प्रकट किया।